ग्वालियर। नगर निगम के सफाईकर्मियों ने भले ही एक दिन की हड़ताल की बात शुक्रवार को की थी, लेकिन उसके दो दिन बाद भी वह पूरी संख्या में काम पर नहीं पहुंचे हैं, उधर ईकोग्रीन कंपनी के कई कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया, वहीं कंपनी की गाडिय़ों को डीजल न मिलने के कारण भी यह सडक़ पर नहीं उतरीं, जिससे सारे शहर में कचरे के ढेर लग गए हैं।
निगम के अधिकारी कह रहे हैं कि शहर में सफाई व्यवस्था चाक चौबंद है। वहीं ईकोग्रीन के क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है कि उनकी कुछ गाडिय़ां ही बंद हैं, कुछ शहर में कचरा समेट रही हैं, जबकि शहर के हालात इन दोनों ही बयानों को साफ झुठलाते दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम के सपाई कर्मचारियों द्वारा तीन रोज पहले एक दिन की हड़ताल कर काम से अलग रहने की घोषणा कर न तो कचरा समेटा था, न ही उठाया था, इसके बाद इन्हे काम पर लौट आना था, लेकिन ऐसा हुआ नही, बल्कि शनिवार के बाद रविवार को भी निगम के पचास प्रतिशत स्थायी, विनियमित और आउटसोर्स सफाई कर्मचारी काम करने नहीं पहुंचे।
शहर के अधिकांश इलाकों में न तो झाड़ू लगी, न ही कचरा उठाया और समेटा गया, जिससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं। तीन दिन से लगातार सफाई न होने के कारण यह गंदगी लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में कई कालोनियों और बाजारो में तो प्रवेश द्वार ही बंद हो गए हैं।
शहर में कई क्षेत्रीय दफ्तरों के बाहर ही कचरा जमा है, वहीं नई सडक़ पर दुकानों के बाहर लगी गंदगी के कारण दुकानदार दुकान तक नहीं खोल पा रहे, जो दुकानें खुलीं हैं, वहां बदबू और गंदगी इतनी है कि ग्राहक दुकानों की सीढ़ी नहीं चढ़ रहे। इधर सुभाष मार्केट के पीछे के हिस्से में बने नेहरू मार्केट के प्रवेश पर बड़ी तादाद में कचरा जमा हो गया है, जिससे ग्राहक भीतर जाने में परेशानी महसूस कर रहे हैं।
यही नहीं इन पर मंडराते सूअर अलग परेशानी का सबब बने हुए हैं। गांधी मार्केट के पास भी कमोवेश यही हाल है। उधर विनय नगर के समीप उरवाई गेट पर चार दिन से कचरा न उठाए जाने के कारण यहां भी हालात बदतर हैं। यही हाल उप नगर ग्वालियर और मुरार में भी है।