इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यवसायिक पालदा औद्योगिक क्षेत्र में फिर से मजदूरों की खड़ी कराई शुरू कराने के लिए आ रहे भाजपा नेताओं के दबाव के बाद बुधवार को एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र (एआईएमपी) के भवन में उद्योगपतियों के साथ भाजपा नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे की बैठक हुई। इसमें उद्योगपतियों ने साफ कर दिया कि नेता ही तय कर लें कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात मॉडल लाकर इंदौर को आत्मनिर्भर बनाना है या फिर यहां पर बंगाल का मॉडल लाना है।
सालों बाद खड़ी कराई से मुक्ति मिली है और हम इसे फिर से शुरू करने के बिलकुल पक्ष में नहीं हैं। उद्योगपतियों के साथ ही कई श्रमिक भी बैठक में आए थे। उन्होंने कहा कि खड़ी कराई में एक गुट विशेष के हम्मालों को ही काम और अधिक दाम मिलते हैं, लेकिन नई व्यवस्था में अभी सभी को काम मिल रहा है, इसलिए इसी सिस्टम को लागू करना चाहिए।
संस्था अध्यक्ष प्रमोद डाफरिया, उपाध्यक्ष योगेश मेहता व अन्य पदाधिकारियों ने पुराने और नए सिस्टम की जानकारी दी और बाद में दोनों सिस्टम को लेकर आम राय ली गई। एसोसिएशन ने सभी की राय के बाद साफ कर दिया कि फिर से खड़ी कराई सिस्टम शुरू करना संभव नहीं होगा। हालांकि बैठक में खुद पालदा संघ के उद्योगपति पदाधिकारी ही दबाव के चलते दूर रहे, जबकि बीते चुनाव में उन्होंने ही इसे मुद्दा बनाया था।