इंदौर। इंदौर को ऐसे ही CITY OF BUSINESS नहीं कहते। इंदौर शहर के व्यापारी केवल समय की कीमत जानते हैं बल्कि समय की कीमत वसूल करना भी जानते हैं। लॉकडाउन में जब ज्यादातर लोग डरे हुए थे और पूरा समय टीवी या इंटरनेट पर बता रहे थे तब इंदौर के व्यापारी बही खातों में अपना समय इन्वेस्ट कर रहे थे और इसका उन्होंने पूरा फायदा भी उठाया।
व्यापारियों ने नया लोन नहीं दिया लेकिन पुराना लोन चुकाया
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा क्रेडिट रिपोर्ट आ गई है। देश के सबसे बड़े आर्थिक शहरों में से एक इंदौर की रिपोर्ट कहती है कि नए वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से 30 जून तक बैंकों के कर्ज की वृद्धि दर नकारात्मक रही। बैंकों के कर्ज 50,284 करोड़ रुपए से घटकर 5,483 करोड़ रु. या 10.90% गिरकर 44,801 करोड़ रु. पर आ गए। इसके मायने यह हैं कि लोगों ने पुराने कर्ज चुकाए जरूर, लेकिन नए कर्ज नहीं लिए।
भोपाल और जबलपुर छोड़कर पूरा मध्य प्रदेश इंदौर के पीछे
मध्य प्रदेश के 50% से अधिक जिलों में कर्ज की वृद्धि दर नकारात्मक रही। शीर्ष चार शहरों में भोपाल और जबलपुर दो ऐसे शहर हैं जहां लॉकडाउन के दौरान लोगों ने पहले से ज्यादा कर्ज लिया। जबकि इंदौर की तरह ग्वालियर में भी लोगों ने कर्ज चुकाया तो लेकिन नया लोन नहीं लिया।