इंदौर। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ की किचिन केबिनेट के महत्वपूर्ण सदस्य एवं पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने उन्हीं की भाषा में जवाब दिया है। आकाश ने कहा कि यदि सज्जन सिंह वर्मा असली मर्द है तो इंदौर से आकर चुनाव लड़े। पता चल जाएगा कौन शेर है और कौन गीदड़।
सज्जन सिंह वर्मा, कैलाश विजयवर्गीय के चरणों की धूल के बराबर भी नहीं: विधायक आकाश
आकाश ने कहा- आप उनके (पिता कैलाश विजयवर्गीय) बारे में उलटी-सीधी बात करते हैं। आप तो उनके चरणों की धूल के बराबर भी नहीं हो। जब कैलाश जी पहली बार इंदौर नगर निगम में महापौर बने तो निगम के पास सैलरी देने के लिए रुपए नहीं थे। अपनी सूझबूझ के साथ उन्होंने काम करके पूरे इंदौर में सड़कों का जाल बिछाया। फिर चाहे वह मेन रोड हो या गलियां हों। आईटी मिनिस्टर रहते हुए टीसीएस, इंफोसिस जैसी कंपनियां लेकर आए। पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर रहते हुए उन्होंने एमपीआरडीसी का गठन किया। इसके जरिए पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछा।
सज्जन सिंह वर्मा इंदौर आकर दिखाएं, औकात का अंदाजा हो जाएगा: आकाश विजयवर्गीय
आपकी क्या हैसियत है, आप अच्छे से जानते हैं। आप इंदौर की बजाय सोनकच्छ से चुनाव क्यों लड़ते हैं। मैं चैलेंज करता हूं कि आप असली मर्द हैं तो इंदौर से चुनाव लड़कर दिखाएं। पता चला जाएगा कि कौन शेर है और कौन गीदड़। आपका पूरा खानदान मुझे चुनाव हराने में लगा रहा, लेकिन मैं चुनाव जीतकर आया। यह चुनाव तो सिर्फ ट्रेलर था। आप इंदौर में आकर दिखाएं तो आपको आपकी औकात का अंदाजा हो जाएगा। राजनीति भद्दी बातों से, गरीबों के मकानों पर कब्जा करने नहीं होती, राजनीति सेवा से होती है।
सज्जन सिंह वर्मा ने क्या कहा जो आकाश विजयवर्गीय इतना भड़क गए
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- विजवयर्गीय ने सांवेर में ही कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को चुन्नू-मुन्नू कहा है। जवाब तो देना ही पड़ेगा। वो कभी-कभी राहुल गांधी को पप्पू बोलते हैं। सुनो कैलाश तुम्हारी औकात कितनी है। अपनों से बड़ों पर मुंह उठाकर थूकोगे तो थूक तुम्हारे ऊपर ही गिरेगा। अब अपनी कहानी मुझ से सुन लो। भूल गए जब साड़ी पहन के बाल बड़े-बड़े करके, नाक में नथुनी पहनकर, हाथ में चूड़ी पहनकर तंत्र-मंत्र करते थे। बाल बड़े कर लिए, चोटी गूंथ ली... अरे पाखंडी...।
उन्होंने कहा कि अपनी बात भूल गए। मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहा थे। अब भाजपा ने उठाकर कहां फेंक दिया। वहां जाकर जादू करो, लेकिन वहां उससे बड़ी जादूगरनी ममता बनर्जी बैठी हुई हैं। दशहरा जैसे-जैसे पास आता है इसका चेहरा रावण जैसा होने लगता है। मैंने बहुत पास से इसे देखा है। आंखें छोटी-छोटी... नाक पकौड़ा जैसी हो जाती है।