इंदौर। मध्य प्रदेश की सांवेर विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ रहे कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट का चुनाव खतरे में आ गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की 26 सितंबर 2020 को आयोजित चुनावी सभा के मामले में हाईकोर्ट में मध्यप्रदेश शासन, इंदौर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर पूछा है कि क्यों ना इस सभा के लिए सरकारी खजाने से किया गया खर्चा प्रत्याशी के खाते में जोड़ दिया जाए। क्यों ना राजनीतिक कार्यक्रम के लिए सरकारी खजाने से पैसा खर्च करने वाले अधिकारियों से इसकी वसूली की जाए। यदि इस सभा का खर्चा प्रत्याशी तुलसी सिलावट के खाते में जोड़ दिया गया तो उनकी खर्चे की लिमिट क्रॉस हो जाएगी और चुनाव खतरे में आ जाएगा।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका जयेश गुरनानी ने दायर की है। इसमें कहा है कि 26 सितंबर 2020 को सांवेर क्षेत्र में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें भीड़ जुटाने के लिए 600 बसों को अधिगृहित किया गया था। बसों के डीजल और अन्य व्यय का भुगतान शासन के मद से किया गया जबकि यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनीतिक था। सांवेर में उपचुनाव होना है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री की सभा आयोजित की गई थी।
याचिका में कहा है कि केंद्र द्वारा जारी गाइड लाइन के मुताबिक सिर्फ 100 लोगों की अनुमति थी बावजूद इसके हजारों की भीड़ जमा की गई। मामले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में करवाई जाए। इसके लिए सीनियर एडवोकेट या सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए। कोर्ट ने चुनाव आयोग, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, कलेक्टर सहित अन्य से जवाब मांगा है।