नई दिल्ली। भारत सरकार के आयकर विभाग ने अपने नियमों में परिवर्तन किया है। कारोबारी अब अपने ग्राहकों से GST के साथ-साथ TCS भी वसूल करेंगे। फिलहाल TCS की वसूली 50 लाख से ज्यादा वाली डील पर की जाएगी। कर विशेषज्ञों का कहना है कि TCS कोई अतिरिक्त कर नहीं है। यह एक प्रकार का एडवांस टैक्स है, जो आपकी फाइनल इनकम टैक्स देनदारी में समायोजित होगा।
कर विशेषज्ञ चेतन तारवानी ने बताया कि यह उन सभी व्यापारियों पर लागू होता है, जिनकी बिक्री एक साल में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हो। इस प्रकार वर्ष 2020-21 में तभी लागू होगा, जब आपकी वित्तीय वर्ष 2019-20 में बिक्री 10 करोड़ रुपये से ज्यादा हो। उन्होंने बताया कि उन ग्राहकों से TCS लेना है, जिनसे सालभर में 50 लाख से ज्यादा बिक्री की राशि मिली हो। यह नियम एक अप्रैल 2020 से लागू माना जा रहा है।
साथ ही TCS ग्राहक से संपूर्ण बिक्री में राशि में नहीं, बल्कि 50 लाख रुपये से ऊपर की बिक्री में ही लेना है। बिक्री का मतलब आपके बिल की राशि है। GST जोड़ने के बाद उस पर TCS जोड़ना होगा। उन्होंने बताया कि किसी ग्राहक से आपको एडवांस भी मिल रहा है, तो उससे भी TCS वसूल सकते हैं। जिस ग्राहक से आप TCS वसूलते हैं, उसका पैन नंबर भी आपके पास होना अनिवार्य है।