जबलपुर। जबलपुर-भोपाल फोरलेन रोड के पहले हिस्से पर काम कर रही है राजस्थान की कंपनी मेसर्स बागड़ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड राजस्थान को चेतावनी जारी की गई है। मप्र सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) का कहना है कि फोरलेन रोड का काम पूरा करने के लिए कंपनी को अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। उसके पास जनवरी 2021 तक का समय है। इसी अवधि में कंपनी को अपना पूरा काम करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मप्र सड़क विकास निगम कार्यालय ने बताया है कि जबलपुर-भोपाल सड़क एनएच-12 कुल 301 किलोमीटर लंबी है। केंद्र के निर्देश पर इस 2 लेन सड़क को EPC के तहत 5 हिस्सों में फोरलेन बनाया जा रहा है। इसका पहला हिस्सा शहर मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भेड़ाघाट बायपास से शुरू होता है, जो ग्राम तेवर, भेड़ाघाट, सहजपुर, शहपुरा, नटवारा, मनकेड़ी, बेलखेड़ा होकर हिरन नदी के पुल (नरसिंहपुर जिले की सीमा) तक कुल 55.60 किलोमीटर का है।
केंद्र ने यह सड़क 391.5 करोड़ की लागत से 2 लेन से कंक्रीट फोरलेन बनाने के लिए बागड़ इंफ्रा बंसवारा राजस्थान का चयन किया। इस कंपनी ने 19 दिसंबर 2017 को एमपीआरडीसी के माध्यम से शासन से अनुबंध करके सड़क बनाना शुरू कर दिया। कंपनी के काम के चलते जमीन अधिग्रहण के कुछ मामले न्यायालय में लंबित होने से कंपनी जनवरी-2020 तक यह काम पूरा करने में नाकाम रही। तब कंपनी ने सड़क का अधूरा काम पूरा करने MPRDC से एक साल का अतिरिक्त समय ले लिया, जो जनवरी में समाप्त हो जाएगा।
अधूरा काम होने से लोग परेशान
जबलपुर-भोपाल फोरलेन सड़क बनाने का काम ग्राम तेवर, भेड़ाघाट, सहजपुर, शहपुरा, बेलखेड़ा व हिरन नदी के पुल पर अधूरा है। वर्तमान में अधूरी सड़क से आवाजाही करने में लोग परेशान हो रहे हैं।
डामर के होंगे पुल-पुलिया व ब्रिज
जबलपुर-भोपाल कंक्रीट फोरलेन सड़क में बनाए जा रहे एक सौ मीटर से अधिक लंबाई के सभी पुल-पुलिया व ब्रिज डामर के होंगे। MPRDC का कहना है कि सड़क यह संरचनाएं बनाने के दौरान ग्राम तेवर, भेड़ाघाट, सहजपुर, शहपुरा व बेलखेड़ा में डामर का प्रयोग किया जाएगा। डामर सड़क में तेज रफ्तार से वाहनों की आवाजाही होने पर कंपन कम होता है। इससे वाहनों की सुरक्षित आवाजाही होती है और उनके सवारों को भी आराम मिलता है।
प्रोजेक्ट मैनेजर व एजीएम का बयान
भोपाल फोरलेन जनवरी-2021 तक बनकर तैयार हो जाएगी। ठेका कंपनी को जल्द काम पूरा करने पत्र निर्देश दिए गए हैं।
- संतोष शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर व एजीएम, एमपीआरडीसी