जबलपुर। जिले में कोरोना पॉजिटिव द्वारा आत्महत्या करने का दूसरा मामला सोमवार को गढ़ा थानांतर्गत प्रेमनगर पोस्ट ऑफिस के पास हुआ। यहां के रहने वाले जीसीएफ से रिटायर्ड 70 वर्षीय बाबूलाल विश्वकर्मा ने सोमवार सुबह 11 बजे कमरे में दरवाजे के ऊपर बने खिडक़ी के रॉड में पर्दे की डोरी का फंदा लगाकर झूल गए। वह कोरोना पॉजिटिव थे और घर पर ही क्वारंटीन रहकर इलाज करा रहा था। 24 वर्षीय नाती सिद्धार्थ जूस व दवा देने गया तो नाना को फंदे से लटका पाया। इसके बाद गढ़ा पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर गढ़ा टीआई सहित तहसीलदार भी पहुंचे थे।
टीआई राकेश तिवारी ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि बाबूलाल विश्वकर्मा ने तबियत खराब होने के बाद 17 सितम्बर को कोरोना की जांच कराई थी। 20 सितम्बर को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें घर में ही क्वारंटीन करते हुए इलाज किया जा रहा था। 26 वर्षीय इकलौते बेटे अमित विश्वकर्मा ने बताया कि इलाज से पिता को सुधार भी हो रहा था। सुबह आठ बजे उसने काढा पिलाया था। नौ बजे उसने नास्ता कराया और इसके बाद वह अपने प्राइवेट नौकरी पर चला गया। पिता की देख भाल के लिए भांजा सिद्धार्थ था। वह 11 बजे के लगभग जूस और दवा देने गया तो उन्हें फंदे से लटका देखा। तब इसकी सूचना दी।
बाबूलाल विश्वकर्मा की पत्नी भगवती का दो वर्ष पहले गम्भीर बीमारी से निधन हो चुका है। बेटे की भी शादी नहीं हुई है। तीन बेटियां सरिता, ममता व नम्रता की पहले ही शादी कर चुके हैं। घर में बेटा ही देखभाल करने वाला था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि बीमारी के तनाव में उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया होगा। जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीज द्वारा आत्महत्या करने का ये दूसरा प्रकरण है। इससे पहले सुपर स्पेशलिटी के चौथी मंजिल से 67 वर्षीय रिटायर्ड कर्मी ने कूद कर आत्महत्या की थी।