जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के बरेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक बालक की बलि देने के प्रयास का मामला सामने आया है। 13 वर्षीय बालक को साइकिल सवार एक व्यक्ति सूनी पहाड़ी पर ले गया था। हालांकि, नरबलि से पहले बालक गुनिया के चंगुल से बचकर आ गया। यह घटना करीब चार दिन पुरानी है। इसकी भनक स्थानीय विधायक सुशील तिवारी को लगने पर वे परिवार से मिले तब प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी हरकत में आये और घटनास्थल पहुंचे। जांच के लिए पुलिस की चार टीमें बनाई गई हैं। बोला तांत्रिक नरबलि देने ले गए
पुलिस के अनुसार पड़वार के पास करोरा गांव में बालक अपनी दादी के साथ खेत में बने घर में रहता है। वहां, 17 अक्टूबर को सुबह एक युवक साइकिल से आया। उसने झांड़-फूंक करने का दावा किया और दादी को विश्वास में ले लिया। उसने खेत में बने घर में भोजन करने के बाद बालक को अपने साथ ले गया। उसने बताया कि वह अगले गांव में जा रहा है। उसके बाद काफी देर तक बालक लौटकर नहीं आया, तो उसे ढूंढा गया। पता नहीं चलने पर दोपहर में थाने में जानकारी दी। इसी बीच बालक वापस आ गया।
घर लौटकर बालक ने बताया कि साइकिल से आया गुनिया उसे लेकर गांव से बाहर पहाड़ी पर गया। वहां तीन लोग खड़े थे। वे फोन पर किसी से नरबलि देने के सम्बंध में बात कर रहे थे। यह सुनकर वह घबरा गया। मौका पाकर भागने की कोशिश की, तो कुछ दूर जाकर गिर गया। पीछा कर रहे चारों लोगों ने उसे पकड़ लिया। फिर पहाड़ी पर ले गए। तभी एक व्यक्ति के पास किसी का फोन आया। उसके बाद साइकिल से आया व्यक्तिउसे गांव के पास छोडकऱ भाग गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है. एक दो लोगों से पूछताछ भी की गई है।
पुलिस ने बालक के दावों के आधार पर पहाड़ी की जांच कराई। वहां नरबलि को लेकर कोई सुराग नहीं मिला। सूत्रों के अनुसार बालक ने जिन चार व्यक्तियों के पहाड़ी पर होने पर दावा किया है उनमें से एक संदेही की पहचान कर ली गई है। वह मंडला जिले के बीजाडांडी क्षेत्र का निवासी है। पुलिस के पहुंचने पर वह घर से गायब था। उसके झांड़-फूंक और गुनिया जैसी हरकतों में शामिल होने की जानकारी मिली है।