भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार राजस्व विभाग के 19000 कर्मचारी पटवारियों के लिए ऐसे लैपटॉप खरीदने जा रही है जिनका कंपनियों ने प्रोडक्शन तक बंद कर दिया है। बाजार में इनकी कीमत अधिकतम ₹20000 है लेकिन सरकार इसके लिए 50,000 रुपए का भुगतान करेगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत है जिन्हें श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोटे से बिना चुनाव लड़े कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
लैपटॉप के नाम पर शिवराज सरकार का बड़ा फ़र्ज़ीवाडा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक ने आज जारी एक बयान में आरोप लगाया कि अब लैपटॉप के नाम पर शिवराज सरकार बड़ा फ़र्ज़ीवाडा करने जा रही है। इसकी खरीदी प्रक्रिया में जमकर अनियमितता है और इसको लेकर अजीबो-गरीब शर्त रखी गयी है। 19000 पटवारियों के लिए 10 साल पुराने प्रोसेसर वाला लैपटॉप खरीदा जा रहा है। बाजार में जिस लैपटॉप की अधिकतम कीमत ₹20000 है, सरकारों से ₹50000 में खरीद रही है।
20000 वाला लैपटॉप ₹50000 में खरीदने के आदेश
सलूजा ने बताया कि प्रदेश के सभी पटवारियों को सरकार ने लैपटाप देने की योजना बनाई है। जिसके तहत कुछ शर्तें भी तय की गई है। बकायदा विभागीय आदेश जारी कर निर्देश दिया गया है कि 5वें एवं 6वें जनरेशन के प्रोसेसर वाला ख़रीदा लैटपाट मान्य होगा। आश्चर्य की बात यह है कि इसकी अनुमानित कीमत सिर्फ 20 हजार है और सरकार इसके लिये 50 हजार का भुगतान करेगी।
जिस मॉडल का कंपनी ने प्रोडक्शन बंद कर दिया, उसे खरीदने के आदेश
वर्ष 2012-2013 में 5-6 जनरेशन के लैपटाप बनते थे। अब यह लैपटाप कंपनियों ने बनाना बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार 29 सितंबर को राजस्व विभाग ने आदेश जारी कर लैपटाप खरीदी की शर्तें तय की है। जिसमें कहा गया है कि 5-6 जनरेशन के प्रोसेसर वाला लैपटाप या इसके समकक्ष मान्य है, जो कि अब बंद हो गए हैं।
मजे की बात है कि 8-10 साल पुराने लैपटाप की देखरेख भी 7 साल तय की गई है। यानि वर्षों पुराने प्रोसेसर के लैपटाप वर्ष 2020 में खरीदे जाएंगे और उनकी उम्र 7 सात तक वैध रहेगी। जबकि मौजूदा समय पर आई-9 और 10 प्रोसेसर के लैपटाप बाजार में बिक रहे हैं।
GeM के माध्यम से खरीदना था परंतु पटवारियों को व्यक्तिगत स्तर पर खरीदने के आदेश
खास बात है कि जैम के जरिए लैपटाप खरीदा जाना था मगर सरकार ने पटवारियों को खुद ही खरीदने के लिए कहा है। जानकारों का कहना है कि ई-5 व ई-6 के लैपटाप बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पुराने ही लैपटाप की खरीदी होगी और भुगतान 50 हजार का?
सलूजा ने कहा कि जिस लैपटाप को खरीदने के लिए सरकार ने शर्त तय की है वो सरकारी कामकाज के लिए उचित नहीं होंगे क्योंकि हैवी साफ्टवेयर को झेलने की क्षमता उनमें नहीं होगी। जबकि जैम के माध्यम से खरीदी होने पर शासन विभिन्न वेंडरों से बेहतर शर्तों पर कम कीमत पर ई-10 प्रोसेसर के लैपटाप खरीद सकती है लेकिन घोटालों, भ्रष्टाचार व फ़र्ज़ीवाडो के लिये शिवराज सरकार जानी जाती है, इसलिये यह सब किया जा रहा है ताकि इसमें भी जमकर फ़र्ज़ीवाडा किया जा सके।