भोपाल। सरकारी नौकरी के मामले में मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश के ब्यूरोक्रेट्स किसी ना किसी बहाने से भर्ती प्रक्रिया को टालने की कोशिश करते रहते हैं। 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई थी और 2020 उपचुनाव तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से मात्र 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। पूरे मध्यप्रदेश में आचार संहिता नहीं लगी है लेकिन आचार संहिता के नाम पर मध्य प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई।
मध्यप्रदेश में कौन-कौन सी भर्ती रोक दी गई
शिक्षा विभाग में होने वाली 15 हजार पदों पर भर्तियों को रोक दिया गया है।
मध्य प्रदेश पुलिस के लिए में पुलिस आरक्षक के 3272 पदों पर होने वाली भर्तियों को भी रोक दिया गया है।
कृषि विभाग 863, राजस्व विभाग में 372, कौशल विकास विभाग में 302, एमपीयूडीसी में 52, एनएचएम में 3800 पद, आयुष लैक्चरर के 95, स्वास्थ्य विभाग के 2150, जेल प्रहरी के 282 पदों पर होने वाली भर्तियों को रोक दिया गया है।
शिक्षक भर्ती क्यों रोकी, इससे कौन सा चुनाव प्रभावित होना था
उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हो चुका है। परिणाम आ चुके हैं। मेरिट लिस्ट बन चुकी है। अब केवल डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और नियुक्तियां शेष है। सवाल यह है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से कौन सा चुनाव प्रभावित होने वाला है। आचार संहिता की कौन सी धारा में लिखा है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन रोक दिया जाए लेकिन आचार संहिता के बहाने नियुक्तियां रोक दी गई है।
कमलनाथ ने कहा हमें कोई आपत्ति नहीं, नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखें
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं श्री कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती से हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को बीच में रोक देने के कारण बड़ी संख्या में उच्च माध्यमिक तथा माध्यमिक चयनित शिक्षक परेशान होकर दर-दर भटक रहे हैं। बेरोजगारी के कारण वे इस महामारी में आर्थिक व मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि शिक्षक भर्ती - 2018 वर्ग 01, वर्ग 02 की प्रक्रिया को तत्काल पूर्ण करवा कर ,चयनित शिक्षकों अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रदान करें , उनकी रोजगार की मांग को पूरा करें।