शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जिसकी लाइफ में कठिन परिस्थितियां ना आती हो। और यदि आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि अब तक आप किसी ना किसी तरीके से उन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलते ही रहे हैं। इस आर्टिकल में 1 मिनट के भीतर आपको बताया जाएगा कि लाइफ की कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलने का सबसे सरल रास्ता कौन सा है।
जरा इस घटना पर गौर कीजिए
एक मेंढक को पानी से भरे हुए बर्तन में डाल दिया गया। मेंढक चाहता तो जंप लगा कर बाहर निकल सकता था लेकिन मेंढक बड़े ही मजे से उस पानी में खेलने लगा। बर्तन को गैस पर रख दिया गया। पानी गर्म होने लगा। जैसे-जैसे पानी का तापमान बढ़ता गया मेंढक भी अपने शरीर के तापमान को पानी के तापमान से एडजस्ट करता चला गया। एक वक्त ऐसा आया जब पानी उबलने लगा। अब मेंढक के शरीर में तापमान को एडजस्ट करने की क्षमता नहीं थी। उसमें जंप लगा कर बाहर निकलने का फैसला किया लेकिन उसका शरीर उसके फैसले का साथ देने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि वह पानी के तापमान को एडजस्ट करते-करते कमजोर पड़ गया था। उसने काफी कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाया और अंततः उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
MORAL OF THE SOTRY
सवाल यह है कि मेंढक की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। वह व्यक्ति जिसने उसे पानी भरे हुए बर्तन में डाल दिया या फिर वह पानी जो पहले सामान्य था और धीरे-धीरे गर्म होता चला गया। कुछ लोग किस्मत को भी दोष दे सकते हैं परंतु ईमानदारी से बात की जाए तो अपनी बात के लिए मेंढक खुद जिम्मेदार है। जब उसके पास पानी से जंप लगा कर बाहर निकलने की अपॉर्चुनिटी थी, तब वह मेंढक कुछ नया इंजॉय कर रहा था। जब सबसे पहले खतरे ने दस्तक दी तो मेंढक एडजस्ट करने लगा। लाइफ में आप जितना एडजस्ट करेंगे, सक्सेस आप से उतनी ही दूर होती चली जाएगी। प्रोफेशनल लाइफ में इंसान की मृत्यु नहीं होती परंतु यदि किसी व्यक्ति की प्रोफेशनल आइडेंटिटी खत्म हो जाए तो मौत से ज्यादा दर्दनाक होती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article