शक्ति रावत / अगर मैं आपसे पूछूं कि इंसान की जिंदगी में सफलता हासिल करने की उम्र क्या होती है, तो शायद ज्यादातर लोगों का जबाव होगा, 25 या 30 साल की उम्र ज्यादा से ज्यादा लोगों को लगता है, कि इंसान 40 साल की उम्र तक ही अपने जीवन में कामयाब हो सकता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।
जिस उम्र में सपना और हौसला एक साथ हो, वही उम्र सफलता की है
दरसअल जिंदगी में सफलता हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती, अगर आपके पास हौसला और सपना है, तो फिर उम्र मायने नहीं रखती, दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने उम्र के उस पड़ाव पर पंहुचकर भी कामयाबी हासिल की है, जहां लोग अपनी जिंदगी को खत्म हुआ मानने लगते हैं, यहां मैं आपको ऐसा एक नहीं बल्कि चार हस्तियों के उदाहरण दूंगा, जो सफलता को लेकर आपकी सोच पर फिर सोचने को मजबूर कर देंगे।
हेनरी फोर्ड जिंदगी के 45 साल में सफल हुए थे
जब हैनरी फोर्ड ने मशहूर मॉडल टी कार तैयार की, तब उनकी उम्र 45 साल की हो चुकी थी, लेकिन हैनरी के हौसले के आगे उम्र पीछे छूट गई, आज फोर्ड मोटर्स ऑटो इंड्रस्टीज के अंदर दुनिया में जानामाना नाम है। इससे पहले हैनरी पांच कारोबार करके उनमें फेल हो चुके थे।
चार्ल्स डार्विन ने साइंस की दुनिया को बदलने वाली किताब 50 साल की उम्र में लिखी थी
दूसरा नाम है, मशहूर वैज्ञानिक चार्ल्स डार्बिंन का 50 की उम्र में पंहुचकर उन्होंने ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीस लिखी, इसी किताब ने विज्ञान की दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया था।
हारलैंड सैंडर्स को 65 की उम्र में KFC ब्रांड बनाने का आईडिया आया था
जवानी के दिनों में सडक़ों के किनारे फ्राइड चिकिन बेचने वाले हारलैंड सैंडर्स को जब केएफसी को व्रांड बनाने का आइडिया आया तब उनकी उम्र 65 साल हो चुकी थी, इसी उम्र में उन्होंने केएफसी की शुरूआत की और आज सारी दुनिया केएफसी को जानती है।
अभिनेत्री जूडी डेंच को 61 साल की उम्र में पसंद किया गया
इसी तरह से इंगलैंड़ की जूडी डेंच एक स्टेज कलाकार थीं, उन्हें 61 साल की उम्र में जेम्स बॉन्ड की फिल्म में एक का किरदार करने को मिला। जिसके बाद उन्होंने सफलता और प्रसिद्वि पाई, इसके बाद से बड़ी उम्र के बाद भी वे बॉन्ड की लगभग हर फिल्म में दिखाई देतीं हैं।
सफलता का उम्र से कोई लेनादेना नहीं
इन उदाहरणों से साफ है, कि जिंदगी में सफलता का उम्र से कुछ लेनादेना नहीं है, जीवन में ज्यादातर लोग लंबे समय तक सफलता नहीं मिलने पर निराश हो जाते हैं, या फिर सोचने लगते हैं, अब तो कुछ करने की उम्र निकल गई, लेकिन ऐसा नहीं है, जिंदगी का अपना गणित है, इसलिये कोशिश करते रहिये, कब किस्मत आपका दरवाजा खटखटा दे कोई नहीं जानता। इसलिये यह सोचकर मत बैठ जाना कि, अब कुछ नहीं हो सकता, बल्कि चलते रहिये, भले ही तेज नहीं तो धीमी रफ्तार से। -लेखक मोटीवेशनल स्पीकर और लाइफ मैनेजमेंट कोच हैं।