प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी, आपके द्वारा श्रीमती सोनिया गांधी जी को लिखा गया एक पत्र मेरी जानकारी में आया है। जिस तरह आप अपनी चुनावी सभा में रोज झूठ परोसते हैं। झूठी घोषणाएं करते हैं, झूठे नारियल फोड़ते है, इतना झूठ बोलते है कि झूठ भी शरमा जाता है, उसी प्रकार इस पत्र में भी आपने झूठ को बढ़-चढ़कर रेखांकित किया है।
डबरा की सभा में अपने संबोधन में मैंने कोई असम्मानजनक टिप्पणी नही (श्री कमलनाथ का बयान सुनने के लिए यहां क्लिक करें) की फिर भी आपने झूठ परोस दिया एवं जिस शब्द की ओर आप इंगित कर रहे है, उस शब्द के कई मायने हैं, कई तरह की व्याख्याएं है लेकिन सोच में खोट अनुसार आप और आपकी पार्टी अपनी मनमर्जी की व्याख्या कर झूठ परोसने लगे और जनता को गुमराह करने का काम कर रहे है। प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है कि आप ऐन केन प्रकारेण अपनी कुर्सी बचाने के लिए चुनाव को वास्तविक मुद्दों से भटकाकर अनैतिक और पतित भावनात्मक राजनीति की ओर ले जा रहे है।
मुझे आश्चर्य है कि आज आप श्रीमती सोनिया गांधी जी को महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा को लेकर पत्र लिख रहे है, जिनकी 15 वर्ष की सरकार में मध्यप्रदेश, बहन-बेटियों से दुष्कर्म, महिलाओं पर अत्याचार और महिला अपराधों में, देश में शीर्ष पर रहा है और इस दौरान ऐसी घटनाओं पर आप अपने दायित्वों का निर्वहन न करते हुये सालों तक मौन रहे है। गत 07 माह की भाजपा सरकार में कोरोना काल में भी बहन-बेटियों के साथ कई दरिंदगी की घटनाएं हुई और मध्यप्रदेश पुन: दुष्कर्म के मामलों में देश में शीर्ष स्थान पाने वाले प्रदेश के रुप में सामने आ रहा है और आप पुन: अकर्मण्य रहकर मौन रहे है । परन्तु चुनाव जीतने के लिए “चुनावी मौन व्रत " रख कर झूठ परोस रहे है।
आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सर्वोपरि है चाहे वह किसी जाति अथवा धर्म की महिला हो। यदि आप सचमुच में महिलाओं और दलित सम्मान को लेकर द्रवित होते तो हाथरस की घटना, स्वामी चिन्मयानंद की घटना, भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के द्वारा कारित घटनाओं और रीवा जेल में महिला बंदी पर घटित घटनाओं पर मौन और उपवास अवश्य रखते परन्तु आपने पत्र में महिला की जाति का उल्लेख कर अपनी अनैतिक राजनीति की मानसिकता को स्पष्टत: प्रदर्शित किया है। सर्व विदित है कि आपका पत्र " वोट पाने की राजनीति में से प्रेरित है और आपको महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की कोई चिंता न कभी रही है और ना ही आज कोई चिंता है। आप भले ही खुद को बहन-बेटियों का हितैषी दिखायें, पर सत्य तो यह है कि आपकी सरकार में ही प्रदेश की बहन-बेटियाँ सबसे ज्यादा असुरक्षित रहीं है और आज भी असुरक्षित है पर आज भी आपका ध्यान इस गंभीर विषय पर न होकर कही और ही है।
मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में सदैव महिलाओं का सम्मान किया है और मैं सदैव महिलाओं का सम्मान करूंगा परन्तु महिलाओं के सम्मान का दिखावा कर आपकी तरह कुत्सित राजनीति कभी नहीं करूंगा।
महिलाओं के संबंध में आज तक मैंने कभी भी, कोई भी अशोभनीय टिप्पणी नहीं की है, जबकि आपकी पार्टी के कई नेता महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी के आदी है और इसके कई उदाहरण मौजूद है। आपको विदित होगा कि कल ही आपकी पार्टी के सम्मानीय केंद्रीय मंत्री जी द्वारा कांग्रेस में शामिल हुये नये सदस्यों, जिसमें महिला सदस्य भी शामिल है, को 'रिजेक्टेड माल बता रहे थे और आज आपकी सरकार के मंत्री श्री बिसाहूलाल जी द्वारा कांग्रेस प्रत्यासी श्री विश्वनाथ सिंह जी की पत्नी को ऐसे शब्दों से संबोधित किया गया है जिसे कि भारतीय संस्कृति में बोलना तो दूर सुनना भी उचित नही माना जाता है। अच्छा होता कि आप अपने पार्टी अध्यक्ष जी को पत्र लिखकर अपने साथी केंद्रीय मंत्री जी और अपनी सरकार के मंत्री जी द्वारा की गई इन अशोभनीय टिप्पणियों की जानकारी देते और प्रदेश की सम्मानीय महिलाओं से क्षमा याचना करते हुये वास्तविक मौन व्रत रखते।
आपसे अपेक्षा करता हूँ कि कृपया राजनैतिक शुचिता और नैतिकता का वास्तविकता में पालन करेंगे एवं राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए कभी कोई वास्तविक एवं गंभीर प्रयास भी करेंगे।
शुभकामनाओं सहित, आपका (कमल नाथ)