जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उन सभी मामलों की जानकारी मांगी है जिसमें वर्तमान या फिर पूर्व सांसद-विधायक आरोपी हैं और उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज मामले पर आपत्ति जताते हुए हाई कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त किया है। हाई कोर्ट ऐसे मामलों में जल्द से जल्द फैसला करना चाहता है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजय पॉल की डिवीजन बैंच ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को नियत की है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर 2020 को सभी राज्यों के चीफ जस्टिसों को आदेश जारी किया कि वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों के लंबित मामलों की सुनवाई त्वरित गति से की जाए। हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और हाईकोर्ट प्रशासन को नोटिस जारी कर पूछा था कि वर्तमान और पूर्व सांसदों और विधायकों के लंबित मामलों की सुनवाई कैसे त्वरित गति से की जा सकती है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान और पूर्व सांसदों के मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में फास्ट ट्रैक का गठन किया गया है। ऐसे मामलों की पैरवी के लिए लोक अभियोजकों की भी नियुक्ति कर दी गई है। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने वर्तमान और पूर्व सांसदों के हाईकोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी माँगी है।