भोपाल। यह एक बेहद बड़ा आंकड़ा है। मैसेज सील सिक्के के साथ लाउड एंड क्लियर है। कक्षा 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के 95% पैरंट्स ने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। उन्होंने सहमति पत्र पर साइन करने से मना कर दिया। पेरेंट्स का कहना है कि जो बच्चे आंखों के सामने नियमों का पालन नहीं करते, वह बच्चे स्कूल में प्रोटोकॉल का पालन कैसे करेंगे। स्कूल कैंपस में पेरेंट्स नहीं टीचर्स मौजूद होते हैं। उनकी जिम्मेदारी होनी चाहिए।
मध्य प्रदेश के करीब 9000 शासकीय हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में से साढ़े 8 हजार स्कूल खुल रहे हैं। हालांकि, यहां केवल 5% विद्यार्थी उपस्थित हो रहे हैं। भोपाल जिले में भी यही स्थिति है। यहां 717 निजी व सरकारी स्कूलों में से 442 स्कूल खुले हैं। इन स्कूलों के 1 लाख 49 हजार विद्यार्थियों में से केवल 7473 के अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल आने की सहमति दी है। इसके अलावा कई ऐसे स्कूल भी हैं, जहां अब तक एक भी सहमति पत्र नहीं मिला है।
सरकारी स्कूलों के 70% विद्यार्थियों के पास ना तो स्मार्टफोन है ना ही टीवी
स्कूल शुरू होने के दस दिन बाद भी सिर्फ पांच फीसद अभिभावक बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। ऐसे में 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों को पूरी तरह खोले जाने को लेकर विभाग में भी असमंजस बना हुआ है। सरकारी स्कूलों में तो 70 फीसद विद्यार्थियों के पास न तो स्मार्टफोन है और न ही टीवी। ऐसे में केवल 30 फीसद बच्चे ही ऑनलाइन क्लास का लाभ ले रहे हैं।
भोपाल जिले की स्थिति
भोपाल जिले में 135 सरकारी स्कूल में से 39 हजार विद्यार्थियों में से 1800 अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने सहमति पत्र दिए हैं। वहीं 582 निजी स्कूलों के 1 लाख 10 हजार विद्यार्थियों में से 5673 के सहमति पत्र मिले हैं।
इन स्कूलों में संख्या कम राजधानी के शिवाजी नगर स्थित सुभाष शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में 9वीं से 12वीं तक 2200 विद्यार्थियों में से सिर्फ 130 सहमति पत्र मिले हैं। वहीं महात्मा गांधी शासकीय उमावि में 630 में से 200 सहमति पत्र आए हैं। शासकीय उमावि चूना भट्टी में 531 में से 25 बच्चे आ रहे हैं।
DEO भोपाल का बयान
अभी प्रत्येक स्कूल में 5 से 10 फीसद विद्यार्थी ही सहमति पत्र ला रहे हैं। स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन बिना सहमति पत्र के प्रवेश नहीं दे रहे हैं।
-नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल
भोपाल जिले के प्राइवेट स्कूलों का आंकड़ा
प्राइवेट स्कूलों की संख्या- 582
विद्यार्थियों की संख्या - 1,10,000
स्कूल खुले - 308
सहमति पत्र मिले - 5673
सरकारी स्कूलों की संख्या- 135
स्कूल खुले - 134
विद्यार्थियों की संख्या - 39,000
सहमति पत्र मिले - 1800