भोपाल। नेताओं के दबाव में बाबुओं जैसे गैर जिम्मेदार में बयान देने वाले प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का मैनेजमेंट पूरी तरह से फेल होता जा रहा है। जिस बोर्ड का गठन परीक्षा के लिए कराया गया है, वही बोर्ड रिजल्ट में गड़बड़ी का दोषी पाया गया है। मामला मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का है।
MPTET-2 परीक्षा परिणाम के संदर्भ में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर का आदेश
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) को निर्देशित किया है कि 15 दिन के भीतर पूर्व घोषित परीक्षा परिणाम में गलती सुधारकर याचिकाकर्ता को सूचित किया जाए। याचिकाकर्ता को 15 दिन के भीतर नए सिरे से पीईबी के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है।
MPTET-2 के रिजल्ट में क्या गड़बड़ी हुई है
रायसेन निवासी अतिथि शिक्षक कुलदीप धाकड़ की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उसने हाईस्कूल शिक्षक के लिए पात्रता परीक्षा दी थी। उसने प्रश्न क्रमांक 16, 23 और 56 का सही उत्तर दिया था, लेकिन उसके अंक नहीं दिए गए। इसकी वजह से उसका रिजल्ट प्रभावित हुआ। उसने पीईबी से गलती सुधारने का अनुरोध किया, लेकिन गलती नहीं सुधारी गई। अधिवक्ता अंशुमान सिंह के तर्क सुनने के बाद डिवीजन बैंच ने पीईबी को 15 दिन में रिजल्ट सुधारकर याचिकाकर्ता को सूचित करने का निर्देश दिया है।
MPTET-2 रिजल्ट में गड़बड़ी या घोटाला
हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के मैनेजमेंट पर एक बार फेस दाग लग गया है। सवाल यह है कि क्या यह केवल एक ही मामला है या फिर ऐसे और भी कई मामले हैं। उम्मीदवार ने सबसे पहले बोर्ड को आवेदन दिया था परंतु PEB ने गलती नहीं सुधारी, क्यों ना यह मान लिया जाए कि यह एक घोटाला था क्योंकि यदि गड़बड़ी होती तो उसे तत्काल सुधार लिया जाता। जांच का विषय है कि ऐसे कितने उम्मीदवार हैं जिन्होंने अपने रिजल्ट को चुनौती दी है, और ऐसे कितने उम्मीदवार हैं जो यह समझते हैं कि उनका रिजल्ट वैसा नहीं है जैसी कि उम्मीद की गई थी।