भोपाल। भर्ती एवं प्रवेश परीक्षाओं में निष्पक्षता के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश में गठित प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) अपने अस्तित्व के खिलाफ लगातार काम कर रहा है। उम्मीदवारों पर कड़े नियम थोपने वाला बोर्ड खुद नियमों का पालन नहीं करता बल्कि किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रहा है। अधिकार ना होने के बावजूद बोर्ड ने प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी। तकनीकी शिक्षा विभाग ने डंडा चलाया और पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी। अब बोर्ड के अधिकारी 10वीं फेल स्टूडेंट की तरह सवालों से बचते हुए घूम रहे हैं।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड में परीक्षा नियंत्रक, संयुक्त परीक्षा नियंत्रक, उप परीक्षा नियंत्रक समेत एक दर्जन पदों के लिए सितंबर में बोर्ड ने विज्ञापन जारी किया था। इन सभी पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाना है। अधिकार ना होने के बावजूद बोर्ड ने आवेदन आमंत्रित कर लिए थे और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रहा था।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने PEB कि इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही विभाग ने विज्ञापन के आधार पर बोर्ड को मिले आवेदनों को भी अपने पास बुलवा लिया है। इन्हें विभाग के उपसचिव को पास भेजा गया है। अब मामले का निराकरण होने तक प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी। वहीं इस मामले में पीईबी के परीक्षा नियंत्रक एकेएस भदौरिया ने कोई भी टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।