इंदौर। M.P. Public Service Commission (मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग) ने प्रारंभिक परीक्षा 2020 के लिए अनुमति मांगी है। इसके अलावा आने वाले साल 2021 में एमपीपीएससी द्वारा करीब 50 परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इनमें से 14 परीक्षाएं ऐसी हैं जो कोरोनावायरस महामारी के कारण 2019 और 20 में पेंडिंग हो गई। उम्मीद है कि परीक्षाओं में करीब 800000 उम्मीदवार शामिल होंगे।
दरअसल, एमपी पीएससी ने 2020 में होने वाली जिन 17 परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया था, उनमें से सिर्फ छह ही परीक्षा हो पाईं और फिर कोरोना संकट आ गया। 10 मार्च के बाद पीएससी कोई परीक्षा ही नहीं ले पाया। हालांकि 12 जनवरी को राज्य सेवा प्रारंभिक और वन सेवा प्री एग्जाम जरूर हो गई, लेकिन मेडिकल ऑफिसर और राज्य अभियांत्रिकी सेवा परीक्षा सहित 2019-2020 की तमाम परीक्षाएं पेंडिंग रह गईं। अब 2019 और 2020 के साथ 2021 की भी 40 परीक्षाओं का बोझ अगले साल पर रहेगा, क्योंकि अगर शेड्यूल 2021 में भी पटरी पर नहीं आया तो 2022 तक शेड्यूल गड़बड़ ही रहेगा। इधर, राज्य शासन से एमपी पीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा-2020 का विज्ञापन जारी करने की अनुमति मांगी है।
अब इन परीक्षाओं का बोझ भी आयोग पर पड़ेगा
राज्य सेवा मुख्य परीक्षा-2019 (इसी साल अप्रैल में होना थी)
राज्य वन सेवा मुख्य परीक्षा-(इसी साल मार्च में होना थी)
राज्य अभियांत्रिकी सेवा -2020 (अप्रैल में होना थी)
मेडिकल ऑफिसर
वैज्ञानिक अधिकारी
राज्य सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा-2020
राज्य वन सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा-2020
प्राचार्य वर्ग 1 तथा 2
सहायक जिला एवं लोक अभियोजन अधिकारी
सहायक संचालक उद्यानिकी एवं मत्स्य
सहायक भौमिकीविद खनिज अधिकारी एवं निरीक्षक।
7 अन्य परीक्षाएं भी प्रभावित
पीएससी इनमें से सहायक भौमिकीविद, खनिज अधिकारी और वैज्ञानिक अधिकारी, अप्रैल में प्राचार्य वर्ग-1 व वर्ग-2, मई में सहायक संचालक उद्यानिकी सहायक संचालक जैसी परीक्षा के विज्ञापन भी जारी नहीं किया।
2021 में बड़ी परीक्षाओं का बोझ :
अगले साल पीएससी को राज्य और वन सेवा मुख्य परीक्षा 2019 के साथ 2020 की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा भी आयोजित करना होगी। राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में ही साढ़े तीन लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं।