नई दिल्ली। भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को 100% लग्जरी एहसास दिलाने की कोशिश कर रहा है। इसी के चलते 'बैग्स ऑन व्हील्स' सर्विस शुरू की जा रही है। इस सेवा के तहत रेलवे अपने यात्रियों का सामान उनके घर से उठाएगा और उनकी बर्थ तक पहुंचा कर देगा। सबसे पहले यह सेवा दिल्ली एनसीआर में शुरू की जा रही है। चरणबद्ध तरीके से पूरे भारत में शुरू की जाएगी।
रेलवे के मुताबिक, इस सेवा के तहत यात्रियों को अपनी सीट तक सामान ले जाने की दिक्कत से निजात मिल जाएगी। इस प्रकार की सेवा की शुरुआत भारतीय रेलवे पहली बार करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, गैर-किराया-राजस्व अर्जन योजना (एनआईएनएफआरआईएस) के अंतर्गत ऐप आधारित बैग्स ऑन व्हील्स सेवा की शुरुआत की जाएगी। यह ऐप आधारित सुविधा होगी। सेवा का लाभ लेने के लिए आपको 'बैग्स ऑन व्हील्स' ऐप डाउनलोड करना होगा।
किन स्टेशनों में मिलेगी यह सुविधा?
इस सेवा की शुरुआत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के स्टेशनों से होगी. यात्रियों को यह सुविधा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, दिल्ली जंक्शन, हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, दिल्ली छावनी रेलवे स्टेशन, दिल्ली सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन, गाजियाबाद रेलवे स्टेशन और गुरुग्राम रेलवे स्टेशनों पर ही उपलब्ध होगी. इसके तहत ऐप में दी गई जानकारी के आधार पर रेलवे यात्री के घर से उसका सामान उठाकर ट्रेन में उसके कोच और सीट तक पहुंचाएगा.
कैसे ले सकेंगे इस सेवा का लाभ?
उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे लगातार नए उपायों से राजस्व को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है. बैग्स ऑन व्हील्स के जरिए सुविधा का लाभ लेने वाले यात्रियों को रेलवे के बीओडब्ल्यू ऐप (APP) पर बुकिंग करनी होगी और मांगी गई जानकारी भरनी होगी.
सामान कहीं खो तो नहीं जाएगा?
इसमें दी गई जानकारी के आधार पर यात्री का सामान स्टेशन से घर या घर से स्टेशन/कोच तक पहुंचाया जाएगा. ट्रेन के स्टेशन से प्रस्थान करने से पहले सीट तक आपके सामान को पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे की होगी. इसमें सामान खोने का कोई डर नहीं होगा.
किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
हालांकि इस सुविधा का पर चार्ज अभी तय नहीं किया गया है. लेकिन आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इस सुविधा का लाभ बेहद कम शुल्क में यात्रियों को मिलेगा. रेलवे की इस सेवा के लागू हो जाने के बाद वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों और अकेले यात्रा कर रही महिला यात्रियों सामान ढोने की टेंशन नहीं होगी.