भोपाल। लॉकडाउन और कोरोनावायरस के कारण अचानक एजुकेशन पैटर्न चेंज हो गया। ऑनलाइन क्लासेस लगाई जा रही है। टीचर्स तनाव में है क्योंकि उनका माइंडसेट टूट रहा है और ऊपर से प्रेशर भी है। ऐसे में टीचर्स डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। भोपाल संभाग के 2336 शिक्षकों ने मानसिक स्वास्थ्य शिविर के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने नोडल एजेंसी उमंग हेल्पलाइन के माध्यम से मेंटल हेल्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें पहले चरण में भोपाल संभाग के 2,336 टीचर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। मेंटल हेल्थ ट्रेनिंग प्रोग्राम में टीचर्स को नई चुनौतियों का सामना करने के बारे में सिखाया जाएगा और कोशिश की जाएगी कि वह नई तकनीक के साथ खुद को कंफर्टेबल महसूस कर सकें।
ऑनलाइन एजुकेशन में शिक्षकों को क्या परेशानी आ रही है
बच्चों को पढ़ाने की आदत है कैमरे को पढ़ाने की आदत नहीं है। सामने स्टूडेंट्स नहीं होते तो पढ़ाने का मन ही नहीं करता।
खाली रूम में एक कैमरा देखकर कॉन्फिडेंस लूज हो जाता है, क्योंकि हम शिक्षक हैं कलाकार नहीं है।
बच्चे क्लास रूम के अंदर बात नहीं मानते थे, ऑनलाइन क्लास में पूरी तरह मनमानी करते हैं। ना तो बात मानते हैं और ना ही सामान्य शिष्टाचार का पालन करते हैं।
ऑनलाइन एजुकेशन के लिए रिकॉर्डिंग करते समय क्या पढ़ाना है, इससे ज्यादा फोकस दूसरी बातों पर करना पड़ता है।
एक अजीब सा नेगेटिव माहौल बन जाता है। इसका तनाव दिन भर बना रहता है।
ऑनलाइन लाइव क्लास के दौरान बच्चों के अलावा उनके पेरेंट्स भी स्क्रीन के सामने आकर बैठ जाते हैं।
ऑनलाइन लाइव क्लास के दौरान बच्चे की जगह पेरेंट्स सवाल करने लगते हैं। कई बार बहस भी करते हैं।
ऑनलाइन एजुकेशन में टीचर्स की मेंटल हेल्थ स्ट्रांग रखने के उपाय
यदि वे लाइव क्लासेस में परेशानी महसूस कर रहे हैं, तो टू वे कम्युनिकेशन बंद कर वीडियो क्लासेस जारी कर सकते हैं।
जो चेप्टर पढ़ाना है उसका वीडियो बनाकर अपलोड कर दें। इससे पेरेंट्स पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और बच्चों को भी रिवीजन करने में आसानी होगी। इसके अलावा नेटवर्क परेशानी से जूझ रहे बच्चों को भी फायदा होगा।
टू वे कम्यूनिकेशन में बच्चों को अलर्ट करते रहे। पेरेंट्स के अनावाश्यक कमेंट को इग्नोर करें।
ऑनलाइन क्लास में छात्रों की रुचि बनाए रखने के लिए क्लास का समय कम कर दें। 1 घंटे की जगह 30 मिनिट की क्लास लें।
बच्चों के साथ पेरेंट्स से बातचीत करने का यदि मौका मिलता है तो उन्हें बच्चों की खासियत के बारे में बताएं।
टीचर्स की मदद करने के लिए उमंग हेल्पलाइन काम कर रही है
माया बोहरा, डायरेक्टर, उमंग हेल्पलाइन का कहना है कि टीचर्स को स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचाने के लिए उमंग हेल्पलाइन टैक्नोफ्रेंडली बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रही है। उनकी काउंसलिंग भी हो रही है, ताकि वे सहज रहकर बच्चों को पढ़ा सके।