भोपाल। मध्यप्रदेश में लंबे समय से शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। 2018 में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई थी जो अक्टूबर 2020 तक पूरी नहीं हुई है परंतु फिर भी लोगों को उम्मीद है कि सरकार कम से कम शिक्षा के क्षेत्र में बेईमानी नहीं करेगी। शायद यही कारण है कि इस साल जबकि दर्जनों कोर्स में 0 एडमिशन नजर आ रहे हैं वहीं BEd के लिए 52476 उम्मीदवारों ने एडमिशन लिए हैं।
बीएड के लिए सबसे ज्यादा एडमिशन ग्वालियर में
बीएड कॉलेजों के कोर्सों में एडमिशन में ग्वालियर जिला सबसे आगे है, जबकि भोपाल में दूसरे स्थान पर है। ग्वालियर जिले में बीएड कोर्स में सबसे अधिक 6267 प्रवेश और भोपाल में 5227 प्रवेश हुए हैं। वहीं इंदौर में 3051 और जबलपुर में 2438 प्रवेश अब तक हुए हैं। वहीं सतना, सागर, रीवा, जबलपुर, ग्वालियर और छदवाड़ा जिलों में यूजी में दस हजार से अधिक प्रवेश हुए हैं।
NCTE के 7 कोर्सों में 0 एडमिशन
प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं जिनमें एनसीटीई के आठ कोर्सों में से सिर्फ बीएड में ही एडमिशन हुए हैं। शेष 7 कोर्सों में जीरो एडमिशन है। इनमें आगर मालवा, अनूपपुर, अशोकनगर, बुरहानपुर समेत अन्य जिले शामिल हैं। बीएड में अब तक 52 हजार 476 प्रवेश हो चुके हैं। वहीं बीएलएड में प्रवेश की संख्या सैंकड़ा तक भी नहीं पहुंच सकी है। यहां सिर्फ 78 प्रवेश हुए हैं। एमपीएड में 341 और बीएडएमएड में 164 प्रवेश हुए हैं। इसके अलावा बीपीएड में 1191, एमएड में 2444, बीएबीएड में 1996 और बीएससी बीएड में 1486 प्रवेश हुए हैं।
बीएड की 75 फीसदी सीटें फुल, अन्य कोर्सों को नहीं मिल रहे स्टूडेंट
एनसीटीई के आठ कोर्स में खाली 62 हजार 465 सीटों को भरने के लिए अतिरिक्त राउंड की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। एनसीटीई के सभी आठों कोर्स में सबसे अधिक 75 फीसदी एडमिशन हुए हैं। बीएड में खाली 51700 सीटों में से 14 हजार 761 सीटें खाली हैं। इसके अलावा बीपीएड सहित अन्य कोर्स में आधी सीटें अब भी खाली हैं। बीएड में अधिक एडमिशन की मुख्य वजह इसका रोजगारपरक होना और स्वयं का शिक्षण संस्थान शुरू करने जैसी खूबियां होना है। एनसीटीई के कोर्स में एडमिशन के अतिरिक्त राउंड में बीएड में लगभग 25 हजार छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया है।