नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी भारतीय स्टेट बैंक की प्राधिकृत शाखाओं में भारत सरकार ने 02 जनवरी 2018 को राजपत्र अधिसूचना संख्या 20 में इलेक्टोरल बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया है। योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड किसी व्यक्ति (जैसा गजट अधिसूचना के आइटम नंबर 2 (डी) में परिभाषित है) द्वारा खरीदा जा सकता है, जो भारत का नागरिक हो या भारत में कारोबार हो।
कोई भी व्यक्ति अकेले या दूसरे लोगों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। केवल ऐसे राजनीतिक दल जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (1951 का 43) की धारा 29ए के तहत पंजीकृत हैं और जिसे पिछले आम चुनाव में या विधानसभा के लिए हुए मतदान में एक प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हों, चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। चुनावी बॉन्ड को केवल पात्र राजनीतिक पार्टी द्वारा प्राधिकृत बैंक में बैंक खाते के माध्यम से ही भुनाया जा सकेगा।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के लिहाज से दिनांक 15 अक्टूबर 2020 को अपने पत्र क्रमांक437/6/सीजी/एलए-बीआर/ईसीआई/एलईटी/एफयूएनसीटी/एमसीसी/2020 के जरिए निम्नलिखित शर्तों के साथ 'कोई आपत्ति नहीं' दी है।
चुनाव क्षेत्रों में प्रेस या जनता से संचार या किसी भी सार्वजनिक भाषण के दौरान कोई भी राजनीतिक व्यक्ति इस संबंध में कोई चर्चा नहीं करेगा, और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के प्रासंगिक प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को 14वें चरण की बिक्री में अपनी 29 प्राधिकृत शाखाओं (संलग्न सूची के अनुसार) के माध्यम से 19 अक्टूबर 2020 से 28 अक्टूबर 2020 तक चुनावी बॉन्ड को जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
इस बात का ध्यान रखना होगा कि चुनावी बॉन्ड जारी होने की तारीख से 15 कैलेंडर दिनों के लिए ही मान्य होंगे और इस अवधि के समाप्त होने के बाद चुनावी बॉन्ड जमा होने पर किसी भी भुगतानकर्ता राजनीतिक पार्टी को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा कराया गया चुनावी बॉन्ड उसी दिन क्रेडिट हो जाएगा।