पृथ्वी पर निवास करने वाले सभी प्रकार के जीवो पर नौ ग्रहों का प्रभाव पड़ता है। शनिदेव को ब्रह्मांड का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। शनिदेव की दृष्टि पढ़ते ही मनुष्य के कर्मों का लेखा जोखा खुलना शुरू हो जाता है और उसके कर्मों के अनुसार उसे अच्छे या बुरे फल प्राप्त होने लगते हैं। पाप का दंड सुनिश्चित है, उसके लिए कोई उपाय नहीं है लेकिन भूल के लिए क्षमा का प्रावधान है। भारत देश में शनिदेव के तीन ऐसे चमत्कारी धाम है जहां जाकर यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में भूलवश किए गए पाप कर्मों के लिए क्षमा मांगता है, तो शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि शनि देव उसे क्षमा कर देते हैं।
मध्यप्रदेश में शनिदेव का पावनधाम शनिश्चरा पर्वत
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर से लगभग 30 किमी की दूरी पर एक शनैश्चर नामक पर्वत पर यह पावन धाम स्थित है। कहा जाता है कि रावण ने शनि देव को अपनी लंका में उल्टा टांग दिया था। मान्यता है कि जब श्री हनुमान जी ने शनिदेव को रावण से मुक्त कराया तो शनि देव अपनी कक्षा में स्थापित होने की स्थिति में नहीं थे परंतु शनि देव की दृष्टि के बिना रावण का अंत भी संभव नहीं था इसलिए हनुमान जी ने उन्हें एक पर्वत पर स्थापित किया जहां से शनिदेव की दृष्टि के कारण रावण और उसके कुल का नाश हो सका। कालांतर में इसी पर्वत को शनिचरा पर्वत के नाम से जाना गया। वर्तमान में यह पर्वत भारत वर्ष के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर से 30 किलोमीटर दूर मुरैना जिले में स्थित है। शनि के इस सिद्धपीठ पर आने वाले भक्तों को चमत्कारिक रूप से लाभ होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
उत्तर प्रदेश में शनिदेव का पावनधाम कोकिलावन
मान्यता है कि शनिदेव भगवान कृष्ण के परम भक्त थे। जब शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण की बाललीला का आनंद लेने नंदगांव गए तो माता यशोदा ने उन्हें महल के बाहर ही रोक दिया। इस पर शनिदेव रोने लग गए। तब भगवान कृष्ण ने शनिदेव की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें कोकिलावन में रहने के लिए कहा। भगवान कृष्ण ने कहा कि मैं वहां आऊंगा और वहीं पर तुम्हें मेरी आदिशक्ति राधा रानी के भी दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। साथ ही यह वरदान दिया कि कलयुग में जो कोई भी तुम्हारे दर्शन और परिक्रमा करेगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे। शनिदेव के इस दिव्य धाम में दर्शन से शनि संबंधी दोष चमत्कारिक रूप से दूर हो जाते हैं।
महाराष्ट्र में शनिदेव का पावनधाम शिंगणापुर गांव
शनिदेव (Shani Dev) का यह पावनधाम महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शिंगणापुर में स्थित है। शनिदेव के प्रताप से यहां पर किसी के घर में कोई चोरी नहीं होती और लोग अपने घरों में ताले नहीं लगाते। मान्यता है कि यहां पर शनिदेव के दर्शन करने से उनका प्रकोप शांत हो जाता है। यहां शनिदेव के दर्शन करने वालों पर से शनि की ढैय्या और साढ़े साती का प्रभाव दूर हो जाता है। शनिदेव अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी शीघ्र ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।