जबलपुर। गणित विषय की विशेषज्ञता के साथ एमएससी की डिग्री प्राप्त महिला शिक्षक ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल के स्टूडेंट्स को पढ़ाने से इनकार कर दिया है। वह पिछले 8 साल से शिक्षा विभाग से संबंधित दूसरे कामों के लिए पदस्थ रही है। कोरोना काल के कारण जब उनके लिए कोई काम नहीं बचा तो अधिकारियों ने उन्हें क्लास में पढ़ाने के लिए आदेशित किया परंतु महिला शिक्षक ने साफ तौर पर इंकार कर दिया।
मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में संचालित एक शासकीय गर्ल्स स्कूल में पदस्थ एक महिला शिक्षक को संकुल प्राचार्य ने हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षा में पढ़ाने के लिए नियुक्त किया तो महिला शिक्षक ने लिखित में जवाब दिया कि वह पिछले 8 साल से क्लास में नहीं पढ़ा रही है। अब पढ़ाने की आदत छूट गई है। इसलिए वह क्लास में एक शिक्षक की तरह नहीं पढ़ा पाएंगी।
जवाब चौंकाने वाला था। संकुल प्राचार्य की समझ में कुछ नहीं आया तो उन्होंने विधि सम्मत कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए प्रकरण को जिला शिक्षा अधिकारी के पास भेज दिया। जिला शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी किया है। इसी के साथ यह मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का प्रमुख केंद्र बन गया है। अब देखना यह है कि महिला शिक्षक, डीपीसी के नोटिस का क्या जवाब देती है और क्या डीपीसी महिला शिक्षक से उनके मूल पद पर काम करवा पाएंगे।