भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के तराना तहसील में आगर रोड पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा (जो भ्रष्टाचार के चलते घटिया मसाले से बनाया गया था) गिर गया। इस घटना में 6 मजदूर घायल हो गए। उपचुनाव के कारण शिवराज सिंह सरकार ने साइट इंजीनियर रघुनाथ सिंह सूर्यवंशी को सस्पेंड कर दिया है और ठेकेदार के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
निर्माण के दौरान पूरा स्लैब भरभरा कर गिर गया
ग्रामीणों के अनुसार गुरुवार सुबह से ही काली सिंध नदी के बीच में ब्रिज के लिए तैयार दो पिलर पर स्लैब का काम चल रहा था। दोपहर सवा 3 बजे के करीब अचानक जोर की आवाज आई और देखते ही देखते पूरा स्लैब जमींदोज हो गया। स्लैब डालने का काम करीब 25 से 30 मजदूर कर रहे थे। बाकी लोग इधर-उधर थे, जबकि छह मजदूर स्लैब ढलाई का काम कर रहे थे। ब्रिज के गिरते ही ये उसके साथ नीचे जा गिरे। ऊपर होने से ये मलबे में दबने की जगह लोहे की जाली में फंस गए। वहां मौजूद मजदूर दौड़े और तत्काल उन्हें ऊपर निकाल लिया। इन्हें तत्काल निजी वाहन से ग्रामीण अस्पताल लेकर पहुंचे। इनमें से एक का पाट इलाज चल रहा है, जबकि पांच को उज्जैन भेज दिया गया।
निर्माणाधीन ब्रिज के गिरते ही कांग्रेस विधायक ने धरना दिया
ब्रिज के धराशायी होते ही कांग्रेस विधायक महेश परमार कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए और ब्रिज की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए धरने पर बैठ गए। उन्होंने शिवराज सरकार को कोसते हुए कहा कि यह बस भाजपा नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है। धरने बैठे लोगों की मांग थी कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की जाए। घटिया निर्माण कार्य बिल्कुल भी नहीं चलेगा। ब्रिज के गिरने की सूचना पर कलेक्टर आशीष सिंह भी मौके पर पहुंचे। सेतु निगम के कार्यपालन यंत्री एसके अग्रवाल का कहना है कि ब्रिज का हिस्सा आखिर कैसे ढहा, इसकी जांच की जा रही है।
निर्माणाधीन पुल के पास रहने वाला एक ग्रामीण लापता
ब्रिज के पास ही रहने वाली एक महिला शाम को मौके पर पहुंची। उसने बताया कि उसके पति दाेपहर में नहाने का कहकर नदी में गए थे। शाम होने को आई वे अब तक घर नहीं लौटे हैं। उनका मोबाइल भी बंद आ रहा है। वहीं, मलबे को हटाने के लिए दो जेसीबी, एक क्रेन और एक पोकलेन मशीन लगी हुई है।