कंपनी बनाकर खेती की, 10 साल में 50 करोड़ का टर्नओवर - INSPIRATIONAL STORY WITH MORAL

Bhopal Samachar
भारत में जिला पंचायत सदस्य से लेकर प्रधानमंत्री तक के चुनाव में किसान और खेती मुख्य मुद्दा होते हैं परंतु फिर भी हर साल हजारों किसान खेती में असफलता के कारण आत्महत्या करते हैं। ज्यादातर किसान अपनी असफलता का कारण प्रकृति को मानते हैं। को सरकार से मदद की उम्मीद करते हैं लेकिन राजस्थान के जालोर जिले में रहने वाले योगेश जोशी ने खेती का चेहरा बदल कर रख दिया। उन्होंने खेती को एक बिजनेस के रूप में शुरू किया। 10 साल पहले शुरू किया गया यह स्टार्टअप अब एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है जिसमें 3000 किसान हैं और टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा। योगेश जोशी के उम्र मात्र 35 साल है।

घर वालों ने सरकारी नौकरी के लिए एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन करवाया था 

योगेश जोशी बताते हैं कि उनके घर वालों ने छोटी मोटी सरकारी नौकरी आसानी से मिल जाए इसलिए एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन करवाया था। परिवार के लोग चाहते थे कि सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करें लेकिन योगेश जोशी चाहते थे कि वह खेती करें।

रिसर्च के बाद खेत में फसल का डिसीजन लिया

योगेश कहते हैं कि ग्रेजुएशन के बाद मैंने ऑर्गेनिक फार्मिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद मैंने 2009 में खेती करना शुरू किया। मुझे खेती किसानी के बारे में कोई आइडिया नहीं था। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल था कि कौन सी फसल लगाई जाए। काफी रिसर्च के बाद मैंने तय किया कि जीरे की खेती करूंगा, क्योंकि जीरा कैश क्रॉप है, इसे कभी भी बेच सकते हैं।

पहला प्रयास पूरी तरह विफल: पढ़ाई और रिसर्च सब धरी रह गई, लेकिन...

वो बताते हैं- पहली बार एक एकड़ जमीन पर मैंने जीरे की खेती की। तब सफलता नहीं मिली, नुकसान हो गया। इसके बाद भी मैंने हिम्मत नहीं हारी। हमें अनुभव और सलाह न होने के चलते शुरुआत में नुकसान हुआ था, इसलिए सेंट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टिट्यूट (CAZRI) के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरुण के शर्मा की मदद ली। उन्होंने मेरे साथ कई और किसानों को गांव आकर ट्रेनिंग दी, जिसके बाद हम लोगों ने फिर जीरा उगाया और मुनाफा भी हुआ। इसके बाद हमने खेती का दायरा बढ़ा दिया। साथ ही दूसरी फसलों की भी खेती शुरू की।

सिर्फ सरकारी मंडी तक सीमित नहीं रहे, अब अमेरिका तक सप्लाई करते हैं

योगेश ने ऑनलाइन मार्केटिंग के सारे टूल्स यूज किए। इसके अलावा कई कंपनियों से संपर्क किया। फिलहाल वो कई देशी-विदेशी कंपनियों के साथ कर कर रहे हैं। उन्होंने हैदराबाद की एक कंपनी के साथ 400 टन किनोवा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग यानी समझौते पर खेती के लिए करार किया है। इसके साथ ही उन्होंने एक जापानी कंपनी के साथ करार किया है। वे उनके लिए जीरे उगाते हैं और सप्लाई करते हैं। जापान से उनके प्रोडक्ट को बेहतर रिस्पॉन्स मिला है। अब उन्होंने अमेरिका में भी सप्लाई करना शुरू किया है।

खेती को बिजनेस बनाने के लिए कंपनी स्थापित की

योगेश बताते हैं,'ऑर्गेनिक खेती को बिजनेस का रूप देने के लिए मैंने रैपिड ऑर्गेनिक कंपनी बनाई। जिसके जरिए मेरी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इसमें जोड़ा जाए और उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाया जा सके। शुरुआत में किसान हमारे साथ जुड़ने से कतराते थे, लेकिन अब वो खुद ही जुड़ने के लिए उत्सुक रहते हैं। ये हमारी लिए उपलब्धि है कि पिछले 5-7 वर्षों में हमारे समूह के 1000 किसान ऑर्गेनिक सर्टिफाइड हो चुके हैं।'

कंपनी बन गई तो क्या, पत्नी खेती में पूरा साथ देती है

योगेश कई देशी-विदेशी कंपनियों के साथ कर कर रहे हैं, जिसमें हैदराबाद की एक कंपनी के साथ 400 टन किनोवा की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए करार किया है। उनकी टीम में अभी 50 लोग काम कर रहे हैं। योगेश की पत्नी भी उनके काम में सहयोग करती हैं और कंपनी में अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं। उन्होंने महिला किसानों के लिए एक ग्रुप बनाया है और वो उन्हें ट्रेनिंग दे रही हैं। इसके साथ ही वो यूट्यूब पर खाना बनाने और तरह-तरह की रेसिपीज को लेकर भी प्रोग्राम बनाती हैं।

ऑर्गेनिक खेती: बेहतर करिअर ऑप्शन

योगेश बताते हैं कि ऑर्गेनिक खेती में बेहतर करिअर ऑप्शन हैं। जो भी इस फील्ड में काम करना चाहता है, उसे दो-तीन साल समय देना चाहिए। अगर वह समय देता है तो जरूर कामयाब होगा। देश में ऐसे कई लोग हैं, जो इस फील्ड में शानदार काम कर रहे हैं। योगेश को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की तरफ से कई सम्मान मिल चुके हैं।

MORAL OF THE STORY 

मोरल ऑफ द स्टोरी यह है कि मार्केट के ट्रेंड और दुनिया भर की मान्यताओं पर भरोसा करने से ज्यादा अच्छा है अपने इनोवेशन को ट्राई करके देखा जाए लेकिन ऐसे नहीं जैसे पहली बार जीरे की खेती में किया गया था बल्कि वैसे जैसे दूसरी बार की खेती में किया गया। एक्सपीरियंस लोगों के एक्सपर्ट व्यूज बहुत जरूरी होते हैं। कहते हैं ना, बारात में कम से कम एक बुजुर्ग का होना बहुत जरूरी होता है।

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