जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली 55 वर्षीय कांता मार्टिन का शव उनके सरकारी बंगले में बेडरूम के पंखे पर फांसी पर लटका हुआ मिला। कांता मार्टिन छत्तीसगढ़ के कई जिलों में न्यायाधीश के पद पर पदस्थ रहीं एवं वर्तमान में मुंगेली जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर पदस्थ थी। उनकी मृत्यु कैसे हुई। उन्होंने आत्महत्या की या फिर किसी ने हत्या करके उनके शव को पंखे पर लटका दिया, पुलिस के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है। पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान रही है। इधर कुछ लोगों का कहना है कि 10 साल पहले भी इसी बंगले में इसी तरह एक और महिला जज की लाश फांसी पर झूलती हुई मिली थी।
साड़ी को पंखे से बांधकर फांसी का फंदा बनाया गया था
जानकारी के अनुसार रविवार को सुबह सीजेएम ने पुलिस को सूचना दी कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता मार्टिन के बंगले का दरवाजा काफी देर से नहीं खुला है। इसके बाद एसपी अरविंद कुजूर मौके पर पहुंचे। खिड़की को खोला तो कांता मार्टिन का शव फांसी पर झूल रहा था। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल को देखकर ऐसा लगता है कि मार्टिन साड़ी को पंखे से बांध कर फंदा बनाकर ख़ुदकुशी कर ली है।
12 साल पहले इसी बंगले में एक और महिला जज का शव फांसी पर झूलता मिला था
घटना के बाद सीजेएम, कोर्ट स्टॉफ, वकील, पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस अधिकारी पहुंच गए हैं पुलिस मृत्यु के कारणों की जांच कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक लगभग 10-12 साल पहले इसी बंगले में एक और महिला जज ने आत्महत्या की थी। उल्लेखनीय है कि जबलपुर निवासी कांता मार्टिन 24 मई 1994 को न्यायिक सेवा में शामिल हुई थीं। वे प्रदेश विभिन्न जिले में सेवा करने के बाद मुंगेली में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदस्थ हुई थीं।
कुक बंगले पर पहुंचा तो बंद मिला दरवाजा
मार्टिन का कुक रविवार सुबह करीब 9 बजे उनके बंगले पर पहुंचा था। दरवाजा लॉक होने की वजह से वह काफी देर तक बेल बजाता रहा। उसने कांता मार्टिन को फोन कॉल भी किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने पड़ोस में रहने वाले कोर्ट के दूसरे अफसरों को सूचना दी। जानकारी मिलने पर SP मौके पर पहुंचे। उन्होंने टॉर्च की मदद से खिड़की से देखा, तो मार्टिन का शव फंटे से लटका हुआ दिखा। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।