भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक गलती के कारण ना केवल मध्य प्रदेश के हजारों कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए बल्कि सरकारी कामकाज भी ठप पड़े हुए हैं। हालात यह है कि मध्य प्रदेश पुलिस के पास दर्ज मामलों की जांच के लिए इन्वेस्टिगेशन ऑफीसर ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण का मामला लगातार टलता जा रहा है, मजबूर होकर पुलिस मुख्यालय ने 13000 अधिकारियों को मानद पदोन्नति की सिफारिश की है। ताकि दर्ज होने वाले मामलों में इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर नियुक्त करके जांच करवाई जा सके।
मध्य प्रदेश पुलिस कर्मचारियों को ऑनरेरी (Honorary) प्रमोशन का प्रस्ताव
पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने पुलिस कर्मियों को ऑनरेरी ( Honorary) प्रमोशन देने की सिफारिश की है। इसके पीछे इनवेस्टिगेशन ऑफिसर की कमी बताई जा रही है। प्रशासन शाखा ने इस कमी की पूर्ति के लिए पुलिस कर्मियों को ऑनररी प्रमोशन देने की मांग की है। पुलिस मुख्यालय की इस मांग पर गृह विभाग विचार कर रहा है। विधि विशेषज्ञों की राय के बाद जल्द इस पर सकारात्मक फैसला लिया जा सकता है।
पुलिस कर्मचारियों के सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अधीन होंगे
पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस में 12810 इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर की कमी है। इन पदों को भरा जाना है। इसलिए इन पदों पर पुलिसकर्मियों को ऑनररी प्रमोशन देने की सिफारिश गृह विभाग से की है। प्रशासन शाखा ने अपनी सिफारिश में गृह विभाग को बताया है कि न्यायालय आदेश के अधीन रहते हुए इन पुलिसकर्मियों को पदोन्नत मान लिया जाए, ताकि इन सभी से संबंधित पदों के अनुसार लंबित मामलों में जांच करवाई जा सके। इससे लंबित मामलों के निपटारे का भी लाभ मिलेगा।
मध्य प्रदेश पुलिस में हवलदार से लेकर डीएसपी तक 13000 पद रिक्त
मई 2016 में प्रमोशन में आरक्षण का नियम समाप्त कर देने से प्रमोशन पर रोक लग गई थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। बीते दो साल में मप्र पुलिस के करीब 2000 पुलिसकर्मी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो चुके हैं। आगे भी ये संख्या बढ़ेगी। प्रदेश में हवलदार, एएसआई, सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर और डीएसपी रैंक के 12810 पद रिक्त हैं। इसलिए प्रशासन शाखा का कहना है कि इन रिक्त पदों को ऑनररी प्रमोशन से भरा जा सकता है। दूसरी सुरक्षा एजेंसी में पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के काम के मापदंड को देखते हुए ऑनररी प्रमोशन दिया जाता है।
विधि विशेषज्ञों की ली जा रही राय
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रमोशन में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। गृह विभाग को पुलिस मुख्यालय की तरफ से प्रस्ताव मिला है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को प्रमोशन देने की सिफारिश की है। इस मामले में विधि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है, जो भी वैधानिक होगा उस काम को पूरा किया जाएगा।