भोपाल। ज्यादातर लोगों का मानना है कि कोरोनावायरस खत्म हो गया है। सरकारी रिपोर्ट में भी संक्रमण की दर 2% के आसपास चल रही है, और चुनावी रैलियों एवं आमसभा से यह मैसेज आम जनता तक पहुंचा कि मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस कमजोर हो गया है लेकिन ऐसा कतई नहीं है। मंदसौर जिले के शामगढ़ में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति की शव यात्रा से 14 लोग पॉजिटिव हो गए। इनमें से सात की हालत गंभीर है जिन्हें अस्पताल में दाखिल किया गया है।
इंदौर के प्राइवेट अस्पताल में 25 दिन तक इलाज चला
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शामगढ़ नगर के मूल निवासी एवं उज्जैन जिले के नागदा में मेडिकल व्यवसायी हरिवल्लभ फरक्या को कोरोना संक्रमित होने के बाद इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां 25 दिन तक उपचार चला, फिर उनकी मृत्यु हो गई।
अस्पताल प्रबंधन ने अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपा था
हरिवल्लभ के बड़े भाई चंद्रप्रकाश फरक्या ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने अंतिम संस्कार के लिए शव स्वजन को सौंप दिया। स्व. हरिवल्लभ के दामाद डॉ. सुनील चौधरी ने नागदा में अंतिम संस्कार किया। उनके शोक निवारण कार्यक्रम के बाद ही स्वजन में बीमारी के लक्षण दिखना शुरू हो गए।
परिवार और रिश्तेदार सहित कुल 14 पॉजिटिव, सात गंभीर
10-12 दिन में मृतक के तीनों भाई, उनकी पत्नी, बहनें और बच्चों सहित कुल 14 लोग कोरोना संक्रमित हो गए। इनमें से सात इंदौर के अस्पताल में उपचार करवा रहे हैं। शेष होम क्वारंटाइन किए गए हैं। चंद्रप्रकाश फरक्या ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही पूर्वक संक्रमित शव सौंपकर पूरे परिवार को संकट में डाल दिया है। इंदौर कलेक्टर को इस लापरवाही की शिकायत की गई है।
कोरोना वायरस संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार का प्रोटोकॉल
कोरोना संक्रमण के मामले में नियम है कि संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के अनुसार अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन उसी शहर में अंतिम संस्कार करवा देते हैं, जहां मरीज की मृत्यु हुई है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने स्वजन को शव सौंपकर गृहनगर ले जाने दिया।