मुरैना। न्याय पाने के लिए दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसान अचानक अन्याय पूर्ण चक्का जाम कर बैठे। मुरैना, ग्वालियर से पूरी तरह डिस्कनेक्ट हो गया। रोड एक्सीडेंट में घायल 19 साल के जवान लड़के को लेकर निकली एंबुलेंस किसान आंदोलन के कारण हाईवे पर लगे चक्का जाम में फस गई। 3 घंटे तक लड़का एंबुलेंस में तड़पता रहा, फिर उसकी मौत हो गई।
घटना का विवरण
शहर के गणेशपुरा निवासी ललित (19) पुत्र लल्ला रजक शुक्रवार की दोपहर 11 बजे अपने रिश्तेदार को गंज रामपुर में छोड़कर मुरैना की ओर लौट रहा था। दोपहर पौने 12 बजे स्कॉर्पियो ने सामने से बाइक में टक्कर मार दी। इससे ललित रजक बुरी तरह जख्मी हो गया। उसका सिर फट गया, कूल्हे की हड्डी टूट गई और पेट में भी घाव थे। मुरैना जिला अस्पताल से ललित को ग्वालियर रैफर कर दिया लेकिन दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से हाईवे पर ट्रैफिक जाम होने की वजह से एंबुलेसं बानमोर में फंस गई।
3 घंटे एंबुलेंस जाम में फंसी रही, युवक तड़पते हुए मर गया
ललित के साथ गए उसके दोस्त राहिल खां ने बताया कि दोपहर एक बजे से लेकर तीन बजे तक एंबुलेंस ट्रैफिक जाम में फंसी रही लेकिन ड्राइवर के लाख मशक्कत करने पर भी वाहन नहीं निकल सकी। 3 घंटे तक ललित अपने परिजन की बाहों में तड़पते हुए दम तोड़ दिया। शाम 3.30 बजे पुलिसकर्मियों ने जाम में फंसी एंबुलेंस को बाहर निकाला तो परिजन अपने बेटे के शव को लेकर मुरैना लौट आए।
पोस्टमार्टम कराने के लिए कलेक्टर बंगले का घेराव
इसके बाद परिजन ललित का शव लेकर पीएम हाउस आए। यहां शाम 3.30 बजे से लेकर 7.30 बजे तक कोई भी डॉक्टर पोस्टमार्टम करने नहीं आया तो गुस्साए परिजन ने शाम 7.30 बजे कलेक्टर बंगला घेर लिया। मौके पर आए एसडीएम आरएस वाकना ने लोगों को समझाया तब उनका गुस्सा शांत हुआ।