भोपाल। कई बार बात का बतंगड़ बन जाता है और मामले को समझने में हुई छोटी सी चूक फायदे की जगह नुकसान पहुंचा देती है। डबरा की सभा में अति उत्साह में आए भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद पर से नियंत्रण खो बैठे और भरे मंच से " हाथ के पंजे वाला बटन दबेगा" अपील कर बैठे। यह वीडियो ठीक से वायरल नहीं हो पाया था कि कांग्रेस के चुनावी चेहरे कमलनाथ ने उपचुनाव में वोटिंग से ठीक 2 दिन पहले शिवराज सिंह सरकार का प्रचार कर दिया।
कमलनाथ ने शिवराज सिंह सरकार का प्रचार कब किया
शिवराज सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 62 वर्ष से घटाकर पुनः 60 वर्ष करने का फ़ैसला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ धोखा है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 1, 2020
इस निर्णय से उनके सामने संकट खड़ा होने वाला है।
दरअसल दिनांक 1 नवंबर 2020 की सुबह 10:22 बजे श्री कमलनाथ ने ट्विटर पर अपना बयान अपलोड किया "शिवराज सरकार द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 62 वर्ष से घटाकर पुनः 60 वर्ष करने का फ़ैसला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के साथ धोखा है। इस निर्णय से उनके सामने संकट खड़ा होने वाला है।" इसी के साथ प्रदेश भर में हंगामा हो गया। शिवराज सिंह सरकार ने गरीब कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 2 साल घटा दी, यह अपने आप में बड़ी खबर थी। केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं बल्कि आम आदमी भी शिवराज सिंह सरकार से नाराज नजर आ रहा था।
कमलनाथ के बयान में शिवराज सिंह सरकार का प्रचार कहां है
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के कथित भावी मुख्यमंत्री मामले को समझने में बड़ी चूक कर बैठे। कमलनाथ सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु कम नहीं की थी बल्कि नियुक्ति की आयु बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी थी। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर 60 वर्ष की उम्र तक व्यक्ति को नौकरी दी जा सकती है। इससे पहले नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष थी। शिवराज सिंह सरकार ने अपने इस फैसले का कोई प्रचार नहीं किया था लेकिन कमलनाथ के बयान के बाद असलियत खुली और इस मामले में भाजपा सरकार की निंदा, देखते ही देखते प्रशंसा में बदल गई।
पढ़िए मध्यप्रदेश शासन की ओर से जारी अधिकृत जानकारी
राज्य शासन द्वारा मंत्री स्थापना में चर्तुथ श्रेणी की नियुक्ति में आयु सीमा को बढ़ाकर 18 से 60 वर्ष की गई है। पूर्व में नियुक्ति के लिये आयु सीमा 18 से 40 वर्ष निर्धारित थी।सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा उक्त संदर्भ में स्पष्टीकरण जारी कर यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी श्रेणी के शासकीय सेवकों की अधिवार्षिकीय आयु में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अधिवार्षिक आयु पूर्ववत 62 वर्ष ही रहेगी।
मध्यप्रदेश सचिवालय (चर्तुथश्रेणी) सेवा भर्ती नियम 1987 में पूर्व प्रावधान अनुसार मंत्री स्थापना में चर्तुथ श्रेणी की नियुक्ति मंत्रियों की इच्छानुसार की जाएगी। जिसकी अवधि मंत्री के कार्यकाल अथवा उनके सेवा समाप्त करने तक सीमित होगी। इसमे आयु सीमा एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी निर्धारित शर्ते भी लागू होगी। नियुक्ति आयु सीमा के संबंध में म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र 4 जुलाई 2019 द्वारा आयु सीमा 18 से 40 वर्ष निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर वर्तमान अधिसूचना 29 अक्टूबर 2020 द्वारा 18 से 60 वर्ष किया गया है।