ग्वालियर। चम्बल एक्सप्रेस-वे के लिये निजी जमीन के अधिग्रहण की सभी फाइल कलेक्टेट में 2 माह से धूल खा रही है। वजह है किसान अपनी उपजाऊ जमीन इस प्रोजेक्ट के लिये देने को राजी नहीं है और वह सीएम शिवराजसिंह चौहान ने घोषणा के अनुसार अधिग्रहण के बदले दोगुनी जमीन देने के आदेश जारी नहीं किये गये हैं। इस हालमें 60 प्रतिशत किसानों ने जमीन देने से मना कर दिया है।
सीएम शिवराजसिंह चौहान ने विधानसभा उपचुनाव से पूर्व ग्वालियर प्रवास के बीच घोषणा की थी कि चम्बल प्रोग्रेस-वे के लिये किसानों को उनकी जमीन के बदले मप्र सरकार दोगुनी जमीन देगी। यह घोषणा इसलिये करना पड़ी क्योंकि अम्बाह -पोरसा सहित श्योपुर क्षेत्र के किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन चम्बल प्रोग्रेस-वे के लिये देने से मना कर दिया था और इस संबंध में कलेक्टर से लेकर आयुक्त तक को ज्ञापन दिये थे।
उपचुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद भी प्रशासन ने चम्बल एक्सप्रेस -वे के लिये किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। जिला प्रशासन को उस आदेश का इंतजार है जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अधिग्रहित जमीन के बदले दोगुनी देने की बात कही हैं।
आपको बता दें कि भिण्ड-मुरैना -श्योपुर से कोटा जाने वाले 406 किमी लम्बे चम्बल प्रोग्रेस-वे के लिये भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है। इसमें श्योपुर की 960.59 हेक्टर भूमि अधिग्रहित की जानी है। इसमें निजी 593.87 हेक्टर भूमि है तो 350.34 हेक्टर सरकारी भूमि हैं।
कौन-कौन से गांव से निकलेगा प्रोग्रेस-वे
चंबल प्रोग्रेस-वे मुरैना के गडौरा से पहले चरण में हाईवे क्रॉस खांडोली, मथुरापुरा, छिनबारा, ब्रिजगढ़ी, झुंडपुरा, वीरपुर, हीरापुरा, जेलपुर, प्रेमसर होते हुए श्योपुर पहुंचेगा। दूसरे चरण में गड़ौरा से जखोना, एसाह, डंडोली, बरवाई, रछेड़, रायपुरा, कुरैंठा, नगरा पोरसा होते हुए भिंड आएगा। भिंड जिले में कनेरा गांव से प्रवेश करेगा, इसके बाद अटेर, खिपोना, खेरी, सूरजपुरा होते हुए बिजौरा, रमा, से बरही पहुंचेगा।
जल्द पूरी करेंगे जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
चंबल प्रोग्रेस-वे के लिए श्योपुर जिले में 3 दिन से कैंप कराए जा रहे हैं। किसानों को उनकी जमीन के अधिग्रहण के लिए रजामंद किया गया है। मुरैना में भी जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी लाने के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं। जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।