भोपाल। प्रदेश में 01/07/2018 के पश्चात सेवानिवृत होने वाले अधिकारियों कर्मचारियों को अर्जित अवकाश नगदीकरण की सीमा 240 दिन से बढ़ाकर 300 दिन की गई है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कम्रचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि महामहिम राज्यपाल के नाम से श्री एएम सक्सेना तात्कालिन प्रमुख सचिव विधि विधायी एवं कार्य विभाग मप्र शासन भोपाल के आदेश फा• क्रमांक 195/21-ब(एक)/2018 दिनांक 31/03/2018 द्वारा राज्य के न्यायिक सेवा के अधिकारियों को सेवानिवृत्ति पर 240 दिन अर्जित अवकाश नगदीकरण के स्थान पर अर्द्ध वैतनिक अवकाश को शामिल कर 300 दिवस की अधिकतम सीमा की स्वीकृति प्रदान करता है।
यह स्वीकृति महालेखाकार मप्र ग्वालियर को वित्त विभाग के पृष्ठांकन क्रमांक 1624 दिनांक 31/03/2018 से दी गई है। विडम्बना यह है कि मप्र वित्त विभाग के आदेशानुसार जुलाई 2018 के पश्चात सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को 240 दिन के स्थान पर 300 दिन अर्जित अवकाश नगदीकरण संशोधन किया है। लेकिन प्रदेश में इसका समुचित लाभ नहीं दिया जा रहा है।
अधिकारियों ने लिखित में आपत्ति दर्ज कर कहा कि जुलाई 2018 के बाद यदि कर्मचारियों द्वारा अवकाश "अर्जित" किये जायेंगे तो ही अधिकतम 300 दिवस का नगदीकरण किया जा सकेगा। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय शिवराजसिंह जी चौहान, श्रीमान नरोत्तम मिश्रा विधि विधायी एवं कार्य विभाग, श्रीमान जगदीश जी देवड़ा वित्त मंत्री महोदय एवं श्रीमान इन्दरसिंह परमार सामान्य प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा(स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री महोदय मप्र शासन भोपाल से दरकार है कि वित्त विभाग के आदेश क्रमांक एफ/6-1/2018/नियम/चार, भोपाल दिनांक 08 मार्च 2019 में संशोधन कर "विधि विभाग के समान सभी विभागों में सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों अधिकारियों को समान रूप से अधिकतम 300 दिवस अर्जित अवकाश नगदीकरण का लाभ दिया जाए।"
इसके लिए अर्द्ध वैतनिक अवकाश को गणना में शामिल किया जावे। इसके लिए विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। आवश्यक होने पर शीघ्र ही माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर प्रकरण दायर कर न्याय की गुहार की जाएगी।