यदि कोई व्यक्ति आपके काम में इस प्रकार का व्यवधान डाले कि आपकी कमाई का नुकसान हो जाए तो आप क्या करेंगे, पुलिस या फिर प्रशासन से शिकायत करेंगे और ऐसे व्यक्ति के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का निवेदन करेंगे परंतु क्या आप जानते हैं यदि आरोपित व्यक्ति की किसी भी हरकत के कारण आपकी कमाई में ₹50 या इससे अधिक का नुकसान होता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 427 के तहत मामला दर्ज किए जाने का प्रावधान है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 427 की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति आपको 50 रुपये या उससे अधिक रुपये का नुकसान करेगा या 50 रु. या अधिक पैसों को नष्ट करेगा तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 427 के अंतर्गत दोषी होगा।
(नोट :- वर्तमान समय मे 50 रुपये. बहुत कम है नुकसान के लिए, लेकिन हमारी दण्ड संहिता का निमार्ण 1860 में हुआ था तब उस वक्त 50 रुपये बहुत होते थे, इसलिए अपराध के दण्ड के विषय में मजिस्ट्रेट स्वयं विवेक से भी निर्णय ले सकता है।)
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 427 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध समझौता योग्य होते हैं उस व्यक्ति से जिसकी संपत्ति अर्थात पैसों को नुकसान या रिष्टि किया है उससे। यह असंज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई कोई भी मजिस्ट्रेट कर सकता है। सजा- अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
उधरणानुसार:- एक चाय की दुकान जो सड़क किनारे पर लगी हुई थी, कुछ दबंग लोगों ने उसको वहाँ से हटवा दिया, जिससे दुकान वाले वो अपनी कमाई में नुकसान हुआ। और कुछ दिन बाद उसको उस दुकान से उतनी पैसों की कमाई नहीं हुई जितनी उसकी प्रतिदिन होती थी। यहां आरोपियों ने धारा 427 का अपराध किया है। लेकिन कोई नगरपरिषद या पालिका नोटिस द्वारा किसी दुकान को, व्यवस्था को देखते हुए हटवाता है तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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