ग्वालियर। भारत के पश्चिमी इलाके और पाकिस्तान से आए बादलों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में 24 घंटे के भीतर 58.1 मिली मीटर पानी बरसाया। इससे पहले 4 नवंबर 1927 को 24 घंटे में 65.5 मिली मीटर पानी बरसा था। यानी 93 साल बाद ग्वालियर शहर में इस तरह की बारिश हुई है।
ग्वालियर के आसमान पर बादल इसलिए ठंड नहीं बढ़ी
बारिश ने शहर की सड़कों को लबालब कर दिया। सुबह हलका कोहरा भी छाया रहा। न्यूनतम तापमान 17.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जो सामान्य से 5.2 अधिक रहा। इस वजह से सुबह ठंडक कम रही, लेकिन बादलों की वजह से धूप नहीं निकली, जिससे दिन में ठंडक बढ़ गई।
पाकिस्तान के बादल दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बरसे
पाकिस्तान के ऊपर चक्रवायी घेरा बना हुआ है। इस घेरे को अरब सागर से भरपूर नमी मिल रही है, जिससे राजस्थान, ग्वालियर संभाग सहित उत्तर भारत के राज्यों का मौसम बदल गया। रविवार को दोपहर से हलकी बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। तेज हवा के साथ भारी बारिश में बदल गई। ओलावृष्टि भी हुई।
डबरा, भितरवार में ओलावृष्टि, मुरार में भारी बारिश
मुरार, ग्वालियर के आसपास भारी बारिश दर्ज हुई। डबरा व भितरवार में ओले व मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग ने शाम तक बादल छाने के आसार जताए हैं। 17 नवंबर में तापमान में गिरावट आएगी। उसके बाद फिर से मौसम बदल जाएगा।
ग्वालियर में मौसम का पूर्वानुमान
- सोमवार को बादल छाए रहेंगे। 17 नवंबर को न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी, लेकिन हवा में नमी आने से कोहरा छाएगा।
-18 नवंबर को नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर से गुजरेगा। इससे फिर से मौसम में बदलाव आएगा। 19 व 20 नवंबर को फिर से बादल छाएंगे। बादलों की वजह से तापमान में उछाल आएगा।