भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश द्वारा डिसीजन लिया गया है कि वर्तमान शिक्षा सत्र 202-21 में बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू नहीं होगी। दरअसल, इस योजना को बनाने वाले शिक्षा विभाग के अधिकारी फेल हो गए। दूरदर्शिता के अभाव में उन्होंने एक घटिया योजना बना डाली। ऐसे अधिकारियों को प्लानिंग के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया जाना चाहिए। क्योंकि इस योजना के लागू करने के कारण हाई स्कूल के स्टूडेंट्स ने गणित और अंग्रेजी पढ़ना बंद कर दिया था।
BEST OF 5 योजना के कारण गणित व अंग्रेजी फेल विद्यार्थी भी दसवीं पास हो जाते थे
हर साल गणित व अंग्रेजी विषय में विद्यार्थी अधिक फेल होते हैं। वहीं साल 2019-20 में कोरोना काल में दसवीं में दो पेपर निरस्त कर दिए गए थे तो बेस्ट ऑफ फाइव के बदले बेस्ट ऑफ फोर योजना भी लागू की गई। इस बार मंडल ने इस योजना को बंद करने की पूरी तैयारी कर ली है, इस पर अंतिम मुहर तीन दिन बाद होने वाली कार्यपालिका समिति की बैठक में मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया लगाएंगे। इस योजना के समाप्त होने के बाद हर साल दसवीं में फेल और सप्लीमेंट्री विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। बता दें कि हर साल दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में करीब 20 लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं।
शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाय, रिजल्ट सुधारने की योजना बनाई थी
सीबीएससी की तुलना में एमपी बोर्ड के स्टूडेंट्स का रिजल्ट काफी खराब आ रहा था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाय रिजल्ट सुधारने की योजना बनाई। BEST OF 5 योजना को 2016-17 की बोर्ड परीक्षा से लागू किया गया। इससे उस साल 16% रिजल्ट में बढ़ोतरी हुई थी। इसके तहत दसवीं में अगर छह विषयों में से पांच विषय में कोई विद्यार्थी पास और एक विषय में फेल हो गया तो भी उसे पास किया जाता था। ऐसे में विद्यार्थियों ने कठिन लगने वाले विषय को पढ़ना छोड़ दिया था। ज्यादातर स्टूडेंट्स ने गणित या अंग्रेजी को पढ़ना छोड़ दिया।
2020 में करीब 4 लाख विद्यार्थी गणित में फेल हुए लेकिन दसवीं पास हो गए
हर साल दसवीं बोर्ड परीक्षा में गणित विषय में अधिक विद्यार्थी फेल होते हैं। साल 2020 की बोर्ड परीक्षा में 8 लाख 81 हजार 787 विद्यार्थियों ने गणित का पेपर दिया। इसमें से 4 लाख 83 हजार 421 विद्यार्थी पास और 3 लाख 98 हजार 366 विद्यार्थी फेल हुए थे। इसके बाद विज्ञान में 8 लाख 81 हजार 603 विद्यार्थियों में 6 लाख 32 हजार 117 पास और 2 लाख 49 हजार 486 फेल हुए थे। वहीं अंग्रेजी 7 लाख 66 हजार 365 विद्यार्थियों में से 5 लाख 17 हजार 93 पास और 2 लाख 49 हजार 272 विद्यार्थी फेल हुए थे।
इनका कहना है
इस साल से बोर्ड परीक्षा में बेस्ट ऑफ फाइव योजना को समाप्त कर दिया जाएगा। बोर्ड ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है।
उमेश कुमार, सचिव, माशिमं