भोपाल। गुरुवार दिनांक 29 अक्टूबर 2020 को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ मुस्लिम समाज द्वारा किया गया प्रदर्शन भोपाल पुलिस एवं प्रशासन की मुस्तैदी पर सवाल खड़े कर गया है। पुलिस का खुफिया नेटवर्क पूरी तरह से फेल नजर आया। यह विरोध प्रदर्शन पूर्व निर्धारित नहीं था, ना ही इसके लिए प्रशासन से अनुमति ली गई थी। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का बयान आया है कि उन्होंने 3 घंटे पहले एक फोन कॉल किया था और व्हाट्सएप पर मैसेज किया था उसके बाद 25000 लोग इकट्ठे हो गए।
इकबाल मैदान में लोगों की भीड़ जमा होती रही पुलिस को पता तक नहीं चला
29 अक्टूबर 2020 गुरुवार को जितनी भीड़ इकबाल मैदान में इकट्ठा हुई, शायद इतनी तादाद में लोग NRC और CAA के विरोध में भी इकबाल मैदान पर नहीं आए थे। और यह सब कुछ हो गया सिर्फ एक व्हाट्सएप मैसेज पर। इकबाल मैदान पर बगैर अनुमति के लोगों को एकत्र होने का मैसेज भोपाल मध्य के विधायक आरिफ मसूद की तरफ से भिजवाया गया था। तीन घंटे के अंदर हजारों लोगों की भीड़ बगैर अनुमति के पहुंच गई और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश शांति का टापू है, यहां पर शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटेंगे।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का बयान
आरिफ मसूद कहते हैं कि कोई व्यक्ति हमारे मजहब के बारे में टिप्पणी करता है, वो चाहे राष्ट्रपति हो या आम आदमी। अगर हमारे नबी के बारे में गुस्ताखी करेगा तो कानूनी और संवैधानिक दायरे में हमें उसका विरोध करने का हक हासिल है। वही हक हमने अदा किया। उन्होंने कहा कि मैंने एक कॉल किया था, दो-तीन घंटे पहले एक वॉट्सऐप डाला कि हमें इकबाल मैदान में जमा होना है। उसके बाद 25 हजार लोग जमा हो गए।