हिंदुस्तान की ईट से ईट बजा देंगे, कहने वाले कांग्रेस विधायक की जमानत नामंजूर - BHOPAL MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित विशेष न्यायालय ने कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है। विशेष न्यायाधीश प्रवेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में प्रदर्शन के दौरान " हिंदुस्तान की ईट से ईट बजा देंगे" कहना आपत्तिजनक है। इसलिए आरोपी विधायक आरिफ मसूद को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। अग्रिम जमानत याचिका रद्द हो जाने के बाद आरिफ मसूद हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं, लेकिन गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।

एक अपराध में 2 मामले दर्ज नहीं किए जा सकते: आरिफ मसूद के वकील की दलील

शनिवार को सांसद-विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में जज प्रवेन्द्र कुमार सिंह की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। मसूद के वकील अजय गुप्ता ने बहस में कहा कि तलैया पुलिस ने एक धार्मिक प्रदर्शन के मामले में आरिफ मसूद और उनके समर्थकों के खिलाफ एक ही अपराध में दो मामले दर्ज किए हैं। एक अपराध में दो मामला दर्ज नहीं किए जा सकते हैं। पहली बार आरिफ मसूद और समर्थकों पर 29 सिंतबर को तलैया पुलिस ने धारा 188, 269, 279 का अपराध दर्ज किया था, जिसमें आरोपी जमानत पर है। वहीं, इस अपराध में 4 अक्टूबर को दूसरी एफआईआर दर्ज करते हुए आरिफ मसूद व उनके 7 समर्थकों पर धारा 153-ए के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई। वकील अजय गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में आरिफ मसूद कांग्रेस के चुनाव प्रचार में बिहार गए हुए हैं और अब तक भोपाल नहीं लौटे हैं।

विधायक के बयान से ही हिंदू संप्रदाय के लोगों में आक्रोश है

विशेष न्यायाधीश प्रवेन्द्र कुमार सिंह ने लिखा कि केस डायरी को देखने से पता चलता है कि आरोपी आरिफ मसूद के नेतृत्व हजारों लोगों ने प्रदर्शन कर फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला दहन किया और उसी दौरान मसूद ने उन्मादी भाषण देकर अपमानजनक भाषण दिया। आरोपी ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति के कार्य को भारत में बैठी हिन्दूवादी सरकार सहमति दे रही हैं। मध्य प्रदेश में बैठी हिन्दूवादी सरकार मुस्लिम वर्ग के अपमान को शह दे रहीं है। हिन्दुस्तान की केंद्र व राज्य सरकार कान खोलकर सुन ले, यदि फ्रांस के इस कृत्य का विरोध नहीं किया गया तो हिंदुस्तान में भी ईट से ईट बजा देंगे, जिससे हिंदु धर्म में आक्रोश है।

दोनों अपराध अलग-अलग हैं, दो मामले दर्ज करने में कोई आपत्ति नहीं: न्यायाधीश ने कहा

न्यायाधीश ने लिखा कि आरोपियों पर पहला बिना कलेक्टर की बिना अनुमति के प्रर्दशन कर रहे आरिफ मसूद और 2000 लोगों पर कोविड–19 के संक्रमण से बचाव में जारी गाइड लाइन के कलेक्टर द्वारा धारा 144 के तहत जारी आदेश आदेशों का उल्लंघन किया। वहीं, दूसरा अपराध उन्मादी भाषण देकर दो संप्रदायों के मध्य आक्रोश पैदा किए जाने के संबंध में है। दोनों अपराध अलग-अलग है। आरोपी आरिफ मसूद के द्वारा किए गए गंभीर कृत्य को देखते हुए उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है।

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