रतलाम। मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर थूरिया रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे पटरी के पास मृत मिले युवक की शिनाख्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) 205 बटालियन के कोबरा रेजीमेंट कमांडो 26 वर्षीय अजीतसिंह परमार पुत्र झग्गूभाई परमार निवासी ग्राम कोड़ीनार जिला गिर सोमनाथ (गुजरात) के रूप में हुई है। हादसे के बाद शिनाख्त नहीं होने पर आलोट में पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव दफनवा दिया था।
जानकारी मिलने पर पहुंचे स्वजन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पोस्टमार्टम व शिनाख्ती के प्रयास किए बगैैरजल्दबाजी कर शव दफना दिया। सोमवार शाम 7 बजे शव जिला अस्पताल भिजवाया, जहां मंगलवार सुबह पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। आलोट थाना प्रभारी दीपक शेजवार ने बताया कि 14 नवंबर सुबह थूरिया रेलवे स्टेशन से आगे अंडर ब्रिज के पास युवक का शव मिला था। प्रारंभिक जांच में उसकी मौत राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन से गिरने से होना पाई गई। 18 से 20 घंटे तक उसकी शिनाख्त के प्रयास किए। आलोट में शव रखने के लिए फ्रीजर नहीं होने व शिनाख्त नहीं होने पर शव सुरक्षित करते हुए दफनवाया गया था।
ट्रेन के मुंबई पहुंचने पर मृतक के ट्रेन की सीट पर मिले मोबाइल फोन व बैग से मुंबई आरपीएफ ने जांच कर जानकारी दी तो उसकी शिनाख्त अजीतसिंह परमार के रूप में हुई। सोमवार को उसके काका सामतभाई परमार, मामा भरतभाई, चचेरा भाई विपिनभाई परमार, रिश्तेदार संदीपसिंह वाड़ा आदि पहुंचे। भाई ने शव प्राप्ति के लिए आवेदन दिया। इसके बाद नियमानुसार शव जमीन से निकलवाकर जिला अस्पताल भिजवाया गया। उधर डॉ. अब्दुल कादर का कहना है कि पुलिस शव पोस्टमार्टम कराने लाई थी। सिर व हाथ में चोट दिखाई दे रही थी, इसलिए चीरा नहीं लगाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी है।
रिश्तेदार संदीपसिंह वाड़ा ने मीडिया को बताया कि अजीतसिंह 2017 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। वह गया (बिहार) में पदस्थ था। एक माह की छुट्टी पर वह 13 नवंबर की शाम दिल्ली से राजधानी ट्रेन में सवार होकर बड़ोदरा आ रहा था। 14 नवंबर को मुंबई आरपीएफ से पता चला कि वह आलोट के पास ट्रेन से गिर गया है। इसके बाद आलोट पुलिस से बात की और सोमवार सुबह 6 बजे आलोट पहुंचे।
CRPF ने सैनिक को मिलने वाला सम्मान भी नहीं दिया
थाना प्रभारी दीपक शेजवार, जांच अधिकारी एसआई पीएस चंदेल से बात की तो उन्होंने बताया कि शव दफवना दिया था। पुलिस को शिनाख्त के लिए इंतजार कर 72 घंटे तक शव नहीं दफनाना था। जेसीबी से शव निकलवाया। शंका होने पर कफन हटाकर देखा तो उसके शरीर पर पहले से पहने हुए कपड़े थे। कपड़े फाड़कर चेक किया तो पता चला कि पोस्टमार्टम नहीं किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगी तो कहा गया कि चार घंटे बाद मिलेगी। छह घंटे तक नहीं दी। पुन: मांगने पर कहा कि दो दिन बाद स्पीड पोस्ट से घर भिजवा देंगे। पैनल से पोस्टमार्टम की मांग करने पर एसडीएम ने कहा कि दोबारा पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सकता। स्वजन से चर्चा कर आश्वासन दिया कि पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। अजीत के मामा भरतभाई ने बताया कि सीआरपीएफ से कोई मदद नहीं मिली। फोन पर अधिकारी से बात की है। सैनिक को जो सम्मान देना चाहिए वह भी नहीं दिया जा रहा है।