इंदौर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइडलाइन के बाद उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन ने दिसंबर से कॉलेजों में नियमित कक्षाएं शुरू करने का शेड्यूल तैयार कर लिया है लेकिन एक बार फिर कोरोनावायरस का संक्रमण तेजी से फैलने के कारण देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रोफेसर क्लास रूम में आने के लिए तैयार नहीं है। शिक्षक संघ ने ऑनलाइन एजुकेशन को वैक्सीन आने तक जारी रखने की मांग की है।
संक्रमण के बीच विद्यार्थियों को कक्षाओं में पढ़ाने का दवाब अब शिक्षकों पर आने लगा है। साथ ही चिताएं बढ़ने लगी हैं। ज्यादातर शिक्षक कुछ और महीने ऑनलाइन टीचिंग से पढ़ाई करवाने की सलाह देने लगे हैं। देवी अहिल्या शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार दोपहर 12 बजे बैठक रखी है, जिसमें ऑनलाइन टीचिंग, विभागों की व्यवस्था, प्रमोशन, इंक्रीमेंट समेत कई मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।
संघ के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण शिंदे का कहना है कि 1 दिसंबर से नियमित कक्षाएं लगाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में कॉलेज कैंपस में छात्रों की भीड़ बढ़ेगी। इसके चलते संक्रमण और बढ़ सकता है। कई शिक्षकों ने ऑनलाइन एजुकेशन को संक्रमण से बचाने का बेहतर उपाय बताया है। सोमवार को बैठक में जो भी सुझाव आएंगे। उनसे विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।
नहीं बने कोई नियम
कोरोना के बीच कक्षाएं शुरू करने को लेकर यूजीसी की और से गाइडलाइन आ चुकी है। प्रत्येक कक्षाओं में विद्यार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी रखने पर जोर दिया है। जबकि इस गाइडलाइन के मुताबिक विवि में व्यवस्था बनाना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि विवि के विभागों में कक्षाएं छोटी हैं। बावजूद इसके विवि ने अभी तक अपनी तरफ से कोई नियम नहीं बनाया है