इंदौर। यूजी-पीजी कोर्स के सैकड़ों विद्यार्थियों का फाइनल ईयर का रिजल्ट देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) जारी नहीं कर पाया है। कारण यह है कि इन विद्यार्थियों को पिछले कुछ सेमेस्टर में एटीकेटी है। ऐसे में विद्यार्थियों का ओपन बुक पद्धति से रिजल्ट बनाने में विवि प्रशासन को खासी दिक्कतें आ रही है, क्योंकि पद्धित के तहत एक फार्मूला बना है, जिसमें विद्यार्थियों के पुराने सेमेस्टर के प्राप्तांक को भी जोड़ना है। तभी रिजल्ट पर कोई आपत्ति नहीं ले सकेगा। अब इन परीक्षा परिणामों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन नया सॉफ्टवेयर बना रहा है। उसके बाद ही एटीकेटी वाले विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर रिजल्ट घोषित किया जाएगा।
बीजेएमसी, एलएलबी, बीबीए, बीसीए, एमए, एमकॉम और एमससी समेत 500 विद्यार्थी हैं, जिनका रिजल्ट रोक दिया है। फाइनल ईयर के रिजल्ट के लिए पिछले सेमेस्टर के अंकों की जरूरत है। ओपन बुक पद्धति से रिजल्ट में फाइनल ईयर के 50 फीसद, सेकंड और फर्स्ट ईयर के 25-25 फीसद अंकों को जोड़ना है। उसके लिए विवि ने नए सॉफ्टवेयर बनाने का काम शुरू कर दिया। अगले कुछ दिनों में सॉफ्टवेयर तैयार हो जाएगा, जिसमें यूजी कोर्स के तीनों साल और पीजी में दो साल के अंक शामिल किए जाएंगे। उसके आधार पर विद्यार्थियों का मूल्यांकन होगा और रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इस काम में दस दिन लग सकते हैं। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी का कहना है कि पुराने सभी रिजल्ट के प्राप्तांक को नए फॉर्मूले में समायोजित किया जाएगा। फिर विद्यार्थियों का आंकलन करेंगे। इस पूरे काम के लिए एक सॉफ्टवेयर की मदद ले रहे हैं।
500 से ज्यादा देना है रिजल्ट
सारे कोर्स मिलाकर 500 विद्यार्थियों का रिजल्ट अटका है। इसलिए ये विद्यार्थी कॉलेज या विवि में प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए विवि ने गोपनीय रूप से रिजल्ट का काम शुरू कर दिया है। विद्यार्थियों के कॉलेजों को रिजल्ट भेजा जा रहा है। जिससे इन्हें अगली कक्षा में प्रोविजनल एडमिशन मिल सकें।