भोपाल। तत्कालीन आयुक्त श्री डीपी दुबे लोकशिक्षण संचालनालय भोपाल ने शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान के समय दिनांक 04/04/2002 के आदेश से स्पष्ट कर दिया था कि "क्रमोन्नति वेतनमान देने में "योग्यता बंधनकारी नहीं है।"
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार व सचिव यशवंत जोशी ने संयुक्त प्रेस में बताया कि प्रदेश में अभी भी तीस वर्ष सेवाकाल पूर्ण करने पर जुलाई 2014 से देय तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ प्रदेश के शतप्रतिशत शिक्षक संवर्ग को नहीं दिया जा रहा है। मसलन "बीएल कारपेंटर" बीईओ गरोठ जिला मंदसौर ने अपने आदेश क्रमांक/स्थापना-1/2020/344, गरोठ दिनांक 04/11/2020 से शिक्षकों को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान देने में योग्यता की "फांस" फंसा कर क्रमोन्नति वेतनमान में नियमित तो कर दिये एरियर देने से इंकार कर दिया है।
विडम्बना देखिये एक तरफ तो तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान में शिक्षक संवर्ग को नियमित किया गया व एरियर देने में योग्यता बंधन का हवाला देकर अपनी संदिग्ध व दौहरी कार्यप्रणाली उजागर की है। आदेश की प्रतिलिपि आयुक्त द्वय कोष एवं लेखा, लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल, संयुक्त संचालक कोषलेखा, लोक शिक्षण संभाग उज्जैन व कलेक्टर, टीओ, डीपीओ डीईओ जिला मंदसौर को प्रेषित की गई है। पीड़ित शिक्षकों ने सीएम हेल्पलाइन में भी गुहार लगाई नतीजतन मामले को गोलमाल कर प्रकरण जानबूझकर लंबित रखे जा रहे हैं।
स्मरण रहे पूर्व में कई सहायक शिक्षकों को प्रदेश भर में तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान संयुक्त संचालक कोषलेखा के संभागीय कार्यालयों द्वारा पारित कर भुगतान किया जा चुका है। इनमें से अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों को तद्नुसार जीपीओ, पीपीओ जारी कर प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका हैं। इसमें उज्जैन का संभागीय कार्यालय भी शामिल है, मंदसौर जिलें के अन्य बीईओ ने भी शासनादेश का पालन किया है। बीईओ गरोठ ने प्रकरणों को लंबित रखकर भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त करते हुए शासन को बदनाम करने का कुत्सित प्रयास किया है। उक्त अधिकारी ने समझ लिया है कि शिक्षकों के "नीचे न जमीन है न ऊपर आसमान।"
"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" माननीय श्रीमान जगदीश जी देवड़ा वित्त मंत्री, श्रीमान हरदीपसिंह जी डंग नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्री व श्रीमान इन्दरसिंह परमार स्कूल शिक्षा स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री महोदय से निवेदन करता है कि शिक्षक संवर्ग को तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान देने में द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान के समय जारी स्पष्टीकरण योग्यता बंधनकारी नहीं है, तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के लिए भी जारी करवाकर शासन की छवि धूमिल करने वाले अधिकारी पर योग्य अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए।