भोपाल। मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के सामने कुलपति डॉ जयंत सोनवलकर और विवि प्रशासन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इसमें कर्मचारियों ने मांग की है कि मप्र शासन द्वारा सातवें वेतनमान का लाभ 2017 में अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन दो साल से बिना किसी कारण के रोका गया है।
साथ ही मप्र शासन के आदेशानुसार 10 वर्ष व 20 वर्ष में समयमान वेतनमान की पात्रता होती है, इसके लिए विश्वविद्यालय समिति द्वारा अनुशंसा करने के बाद भी अब तक लागू नहीं किया जा रहा है। अब तक यह मामला रूका हुआ है। इन सभी मांगों को लेकर विवि के गैर शैक्षणिक कर्मचारियों ने कुलपति डॉ जयंत सोनवलकर के विरोध में प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि कुलपति ने दो साल से फाइल अपने पास रखी है, जबकि विवि के अधिकारियों ने इसका लाभ ले लिया है। मुख्यालय पर करीब 100 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए।
साथ ही विवि के 11 क्षेत्रीय केंद्रों में भी इस प्रकार के विरोध-प्रदर्शन किया गया। कर्मचारियों का कहना है कि विवि के प्रबंध बोर्ड एवं कुलसचिव द्वारा मप्र शासन के नियमानुसार सभी विश्वविद्यालयों की भांति वर्ष 2017 में भोज विवि के सभी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ वर्ष 2017 में स्वीकृत किया जा चुका है, इसके बावजूद लाभ नहीं मिल रहा है। इस संबंध में भोज मुक्त विश्वविद्यालय अशैक्षिक कर्मचारी वेलफेयर समिति ने कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा।
कर्मचारियों का कहना था कि दीपावली के पहले कर्मचारी हित में निर्णय लेने के लिए कहा गया था, लेकिन विवि प्रशासन ने कुछ भी नहीं किया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार भार्गव, उपाध्यक्ष डॉ राजेश सक्सेना, सचिव डॉ प्रशांत सोलंकी सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।