जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने मध्य प्रदेश शासन के लिए काम कर रहे हैं लिपिक वर्ग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने की मांग करते हुए बताया है कि लिपिक वर्ग के कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री योगेंद्र दुबे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश में कार्यरत हजारों लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों की वेतन विसंगति व अन्य आवश्यक मांगों के लिए सरकार द्वारा रमेश चंद शर्मा हाई पावर कमेटी गठित की गई थी। समिति द्वारा वित्त विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अभिमत के उपरांत अपनी अनुशंसाए शासन को सौंपी गई जिस पर कार्रवाई करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दो माह मे निराकरण करने के निर्देश दिए गए थे, किंतु लगभग 2 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के उपरांत शासन द्वारा उक्त मांगों का निराकरण नहीं किया गया है। जिससे प्रदेश के हजारों में आक्रोश व्याप्त है।
संघ के योगेंद्र दुबे आलोक अग्निहोत्री, यू एस करोसिया, अमित नामदेव आशीष सक्सेना आशुतोष तिवारी सुरेंद्र जैन राजेश गुर्जर सुधीर खरे,तपन मोदी, ब्रजेश ठाकुर राजेंद्र श्रीवास्तव सुरेंद्र श्रीवास्तव नितिन संघी,धीरज कुरील,धनसिंह झारिया, मिलन बरकड़े,मंसूर बेग, सुधीर कोरी,सुनील सेठी, विमल कोष्टा, निशांक तिवारी,अनिल ठाकुर बृजेश मिश्रा वीरेंद्र चंदेल, एसपीबाथरे, तुषरेन्द सिंह सेगर,विनय नामदेव,मो.तारिक, धीरेंद्र सोनी, संतोष तिवारी आदि ने मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को ईमेल कर मांग की है कि रमेश चंद्र शर्मा हाई पावर कमेटी की अनुशंसा मान्य करते हुए लिपिकों कि वर्षों से चली आ रही वेतन विसंगति शीघ्र दूर की जाए।