ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में 70 करोड़ की लागत से बनवाए गए सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल को ग्वालियर के विकास का प्रतीक बताया गया था। इसी के आईसीयू में लगी आग में 2 मरीज जिंदा जल गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे ग्वालियर के विकास का प्रतीक बताया था। चार मंजिला इमारत को केंद्र सरकार की HSCC कंपनी ने बनाया है। मार्च में उपयोग शुरू हुआ था नवंबर में आग लग गई।
ग्वालियर नगर निगम ने सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल को फायर NOC दे दी थी
दरअसल इस अस्पताल का निर्माण उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। इस साल के आरंभ में इसका निर्माण लगभग पूरा भी हो गया था। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टॉफ की भर्ती की जा रही थी, लेकिन मार्च में अचानक कोरोना ने दस्तक दे दी। तब प्रशासन ने इसे कोविड हास्पिटल बना दिया। कोरोना काल में गंभीर मरीजों को यही रखा गया। अभी यहां मरीज भर्ती हैं। वजह, सिर्फ इसी हास्पिटल में 54 वेंटिलेटर मौजूद हैं। आइसीयू हैं। शनिवार को चौथी मंजिल पर बने आइसीयू में आग लग गई। अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि वह नगर निगम फायर NOC ले चुका है। इसके बावजूद शार्ट सर्किट से आग लगी।
पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने घटिया निर्माण बताया था
पूर्व चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधाै जब ग्वालियर में सुपर स्पेशियलिटी का निरीक्षण करने आईं थी ताे काम की घटिया गुणवत्ता काे लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी। साथ ही अस्पताल प्रबंधन काे निर्देश दिए थे कि जब तक काम सही नहीं हाे जाता तब तक इमारत काे हैंड ओवर नहीं लिया जाए। इसके बाद मध्य प्रदेश में सरकार बदल गई और जब काेराेना संकट खड़ा हुआ ताे मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इसे काेविड अस्पताल बनाकर शुरू करवा दिया।