ग्वालियर। काेराेना के साथ अब डेंगू चिकनगुनिया का खतरा भी शहर पर मंडरा रहा है। डेंगू के तीन केस मिलने के बाद जिला मलेरिया विभाग अब हरकत में आया है। डेंगू लार्वा सर्वे का काम शुरू किया गया है। यदि समय रहते सर्वे और दवा छिड़कने का काम शुरू किया हाेता ताे शायद शहर पर डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा मंडराता ही नहीं।
सबकुछ सामान्य लेकिन डेंगू लार्वा सर्वे का काम शुरू नहीं किया
मार्च माह से ही जिला मलेरिया विभाग डेंगू लार्वा सर्वे एवं दवाओं का छिड़काव शुरू कर देता है। इस बार काेराेना संकट के चलते लॉकडाउन में सर्वे का काम पूरी तरह से बंद रहा था। खास बात यह है कि लॉकडाउन खत्म हाेने के बाद सभी सरकारी दफ्तर खुल गए लेकिन डेंगू लार्वा सर्वे का काम शुरू नहीं किया गया। अब जब मरीज मिलना शुरू हुए ताे जिला मलेरिया विभाग ने टीम काे मैदान में उतारा है। जिन क्षेत्राें में मरीज मिले हैं, वहां साै मीटर के दायरे में दवाओं का छिड़काव के साथ ही फाेगिंग भी कराई जा रही है।
काेराेना के साथ खतरा ट्रिपल
काेराेना के साथ डेंगू चिकनगुनिया की दस्तक से खतरा अब ट्रिपल हाे गया है। क्याेंकि शरीर की राेग प्रतिराेधक क्षमता कम हाेने पर काेराेना संक्रमण तेजी से फैलता है। वहीं डेंगू चिकनगुनिया में प्लेटलेट तेजी से घटती हैं। ऐसे में बीमार व्यक्ति काे काेराेना का खतरा अधिक हाेगा। खास बात यह है कि अक्टूबर में काेराेना के मरीज कम हुए थे, लेकिन नवंबर माह की शुरुआत में ही काेराेना के मरीज भी बढ़ना शुरू हाे गए हैं।