ग्वालियर। कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया डबरा की नेता श्रीमती इमरती देवी को मंत्री पद का दर्जा दिलाने पर अड़ गए हैं। श्रीमती इमरती देवी उप चुनाव हार गई है परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि उन्हें सरकार में सम्मानजनक पद देकर 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए लगाया जाए। जबकि भाजपा की लेटरिंग करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी इमरती देवी को किसी भी प्रकार का पद देने से पहले संगठन के संस्कार और नीति नियमों से परिचित कराना चाहते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेश शर्मा की एक रिपोर्ट के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि श्रीमती इमरती देवी को महिला वित्त विकास निगम का चेयरमैन बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा उन्होंने विधायक पंकज चतुर्वेदी को भाजपा का प्रवक्ता और विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया को भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने की इच्छा जताई है।
चुनाव हारने के बाद भी बेतुकी बयानबाजी कर रही हैं इमरती देवी
श्रीमती इमरती देवी 2018 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही सुर्खियों में है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब उन्हें कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री बनवाया तब वह अपनी शपथ ली पढ़ नहीं पाए थे। राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री के संदेश का वाचन नहीं कर पाईं। वर्तमान युग में जबकि सरकारी दस्तावेजों में 'लॉकडाउन, क्वॉरेंटाइन, आइसोलेशन, वैक्सीनेशन, जैसे अंग्रेजी के शब्द धड़ल्ले से उपयोग किए जाते हैं, मंत्रियों का उच्च शिक्षित होना अनिवार्य हो गया है।
चुनाव हारने के बाद से लगातार इमरती देवी अटपटे से बयान देती आ रही है। पहले उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है, हमें मंत्री बच्चे कौन हटाएगा। तमाम विवाद के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दिया लेकिन अभी भी इसी तरह के बयान दे रही हैं।