इंदौर। भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में भ्रष्टाचार का काला धब्बा मिला है। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर में शासकीय कलेक्टर कार्यालय के अलावा एक और कलेक्ट्रेट जैसा कार्यालय पकड़ा गया है। इस ऑफिस का संचालन अवैध रूप से हो रहा था। छापामार कार्रवाई के दौरान यहां से 500 से ज्यादा सरकारी फाइलें मिलीं है। यह काफी चौंकाने वाली बात है कि इतनी बड़ी संख्या में सरकारी फाइलें किसी प्राइवेट ऑफिस में कैसे पहुंच गई। दुनिया को दिखाने के लिए ऑफिस के बाहर एमपी ऑनलाइन का बोर्ड लगा था।
इंदौर के बंसी ट्रेड सेंटर से संचालित हो रहा था फर्जी प्रशासनिक कार्यालय
कलेक्टर मनीष सिंह को इस बारे में सूचना मिली थी। दोपहर एडीएम अजयदेव शर्मा, नगर निगम की डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल समेत अन्य अफसरों की टीम गठित की गई। इसके बाद बंसी ट्रेड सेंटर में एमपी ऑनलाइन सेंटर पर छापा मारा गया। ये दफ्तर शुभम जैन और विजय जैन का बताया जा रहा है।
फर्जी प्रशासनिक कार्यालय में कलेक्ट्रेट, T&CP, नजूल और IDA की फाइलें मिलीं
अफसरों के अनुसार, शुभम जैन का कई भूमाफिया से संपर्क है। यह सरकारी दफ्तरों में दलाली करता है। फाइलें यहां तक कैसे पहुंचीं, इस संबंध में जांच की जा रही है। मौके से नजूल, टीएनसीपी, नगर निगम, कलेक्टरेट और आईडीए की बड़ी मात्रा में सरकारी फाइलें मिलीं।