इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पूजनीय एवं मध्य प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस का प्रचार करने वाले कंप्यूटर बाबा की दीपावली और भाई दूज सलाखों के पीछे मन चुकी है और अब देवउठनी ग्यारस भी जेल में ही मनेगी। कोर्ट ने उन्हें 28 नवंबर तक जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है। कोर्ट का कहना है कि कंप्यूटर बाबा के खिलाफ कई मामलों में इन्वेस्टिगेशन चल रही है। यदि उन्हें जमानत दे दी गई तो वह जांच को प्रभावित कर सकते हैं।
जेल जा रहे कंप्यूटर बाबा ने मीडिया से कुछ नहीं कहा
जिला लोक अभियोजक अकरम शेख के अनुसार एरोड्रम थाने में कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ दर्ज हथियार दिखाकर धमकाने के प्रकरण में सुनवाई हुई। इसके पहले सोमवार को गांधी नगर थाने में बाबा के खिलाफ जातिसूचक शब्द कहे जाने के मामले में जो केस दर्ज किया गया था, उसमें 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत मिल गई थी। कोर्ट पहुंचे बाबा से मीडिया ने बात करनी चाही, तो उन्होंने हाथ हिलाते हुए कुछ भी कहने से मना कर दिया।
10 दिन से जेल में बंद है कंप्यूटर बाबा
सरकारी काम में बाधा डालने, जातिसूचक शब्द और तलवार लेकर धमकाने के मामले में बाबा 8 नवंबर से जेल में बंद हैं। बाबा के अलावा छह अन्य भक्तों को भी जेला भेजा गया था, लेकिन उनको 9 नवंबर को ही जमानत मिल गई थी। बाबा के वकील रवींद्र सिंह छाबड़ा ने एसडीएम कोर्ट से आदेश नहीं होने पर जिला व सत्र न्यायालय में रिविजन दायर की। इस दौरान सूचना आई कि एसडीएम कोर्ट ने आदेश कर दिए। फिर पुलिस ने बाबा के खिलाफ दो नए केस और दर्ज कर लिए थे। इन सब केस के खिलाफ बाबा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। रविवार को बाबा की अर्जी पर जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा, जस्टिस विवेक रुसिया की खंडपीठ ने सुनवाई की थी।
अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान बंदूक निकालने पर गिरफ्तारी हुई थी
जिला प्रशासन ने 8 नवंबर को ग्राम जम्बूडी हप्सी के खसरा नंबर 610/1 और 610/2 की 46 एकड़ से ज्यादा जमीन में से दो एकड़ पर फैले लग्जरी आश्रम के अवैध कब्जा तोड़ा था। इस दौरान शांति भंग करने के आरोप में बाबा और उनके सहयोगी रामचरण दास, संदीप द्विवेदी, रामबाबू यादव, मोनू पंडित, जगदीप सहित कुल सात लोगों को एसडीएम राजेश राठौर द्वारा अगले आदेश तक जेल भेज दिया गया था।